जैसे जैसे पूरना साल बदला वैसे ही भारत मे 1 जनवरी 2025 से कई महत्वपूर्ण बदलाव होने जा रहे है। यह बदलाव ना केवल व्यक्ति गत जीवन पर प्रभाव डालेंगे वल्की आर्थिक और वित्तीय छेत्र मे भी बड़ा बदलाव लाएंगे। इस आर्टिकल मे हम उन प्रमुख बदलाव के बारे मे जानेगे जो 1 जनवरी 2025 से लागू होंगे यह नए नियम कर ले यह जरूरी काम लागू नियम जैसे = LPG की कीमते ,EPFO पेंशन, GST नियम, UPI लेनदेन।
यह नियम हर नागरिक को पता होना चाहिये क्युकी यह सभी के रूटीन मे आता है। इन परिवर्तनों का उद्देश्य नागरिकों के जीवन को सरल बनाना है। और वित्तीय सुरक्षा कपों बढ़ाना है। इस आर्टिकल मे हम विस्तार से चर्चा केरेंगे की यह बदलाव किस प्रकार से आम लोगों पर असर डालेंगे आईये जानते हैं।
जरूरी परिवर्तन: 1 जनवरी 2025 से लागू होने बाले नियम
नीचे उन सभी परिवर्तनों को दिखाया गया है जो 1 जनवरी 2025 से लागू होंगे
परिवर्तन | विवरण |
LPGकी किमाते | घरेलू और वायावसायक LPG सिलेंडरों मे शंसोंधन होगा। |
GST नियम | सभी करदाताओं के लिय मल्टी- फैक्टर ऑर्थोटिकेशन (MFA) अनिवर्य होगा |
EPFO पेंशन | EPFO खाता धारक अब किसी भी बैंक से बिना अतिरिक्त सत्यापन के बिना अपनी पेंशन का पैसा निकाल सकते हैं |
UPI 123 pay | UPI 123 pay के लिय लेनदेन सीमा बढ़कर 10000 होगी। |
शेयर वाजार नियम | शेयर वाजार की संपत्ति के नियमों मे बदलाव किया जायगा |
वीजा नियम | गैर आव्रजन वीजा आवेदकों के लिय अपॉईंटमेंट पुननिर्धारण की प्रक्रिया मे बदलाव होगा |
LPG की कीमतों मे बदलाव
1 जनवरी 2025 को भारत के घर घर उपयोग किया जाने वाले LPG सिलेंडरों की कीमतों मे संशोधन किया जायगा। घर मे उपयोग किया जाने वाले LPG सिलेंडरों की कीमत हलाकी स्थिर रही है जावकी व्यावश्यक LPG सिलेंडरों की कीमतों मे चड़ाव उतार देखने को मिले हैं। यह संभावना है की नए साल मे इनकी कीमतों मे बड़ाव हो सकता ही।
- वर्तमान मे घर पर प्रोयग मे लेने वाले सिलेंडर की कीमत 803रुपए है दिल्ली
- वायावश्यक LPG सिलन्डरों की कीमत कुछ महीने से बड़ी है
GST नियमों मे बदलाव
1 जनवरी 2025 से GST नियमों मे महत्वपूर्ण परिवर्तन होंगे सभी करदाताओं के लिय मल्टी- फैक्टर ऑर्थोटिकेशन (MFA) अनिवार्य किया जायगा। इसका उद्देश्य GST पोर्टल पर सुरक्षा बढ़ाना है।
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GST नियमों मे परिवर्तन
जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) नियमों में समय-समय पर परिवर्तन होते रहते हैं। हाल ही में, 1 जनवरी 2025 से कुछ महत्वपूर्ण बदलाव लागू हुए हैं:
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जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा:
अब, जीएसटी रिटर्न की नियत तारीख से तीन साल बाद रिटर्न दाखिल नहीं किया जा सकेगा। इससे समय पर अनुपालन सुनिश्चित होगा और डेटा की विश्वसनीयता बढ़ेगी।
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ई-चालान की अनिवार्यता:
1 मार्च 2025 से, छोटे कारोबारियों को ई-चालान (e-way bill) प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। यह कदम माल की आवाजाही की निगरानी और कर चोरी को रोकने के लिए उठाया गया है।
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जीएसटी पंजीकरण प्रक्रिया में बदलाव:
जीएसटी पंजीकरण में आधार सत्यापन की प्रक्रिया को सरल किया गया है, जिससे पंजीकरण की प्रक्रिया तेज और पारदर्शी होगी।
इन परिवर्तनों का उद्देश्य जीएसटी प्रणाली को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाना है। व्यवसायों को इन बदलावों के अनुसार अपनी प्रक्रियाओं को समायोजित करना होगा।
EPFO पेंशन नियमों मे बदलाव
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने 1 जनवरी 2025 से पेंशन और भविष्य निधि से जुड़े कई नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जो लाखों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को सीधे प्रभावित करेंगे। मुख्य बदलाव निम्नलिखित हैं:
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किसी भी बैंक से पेंशन निकासी की सुविधा:
अब पेंशनभोगी बिना किसी अतिरिक्त सत्यापन के देश के किसी भी बैंक की शाखा या एटीएम से अपनी पेंशन राशि निकाल सकते हैं। यह सुविधा सेंट्रलाइज्ड पेंशन पेमेंट सिस्टम (CPPS) के माध्यम से संभव हुई है, जिससे पेंशनभोगियों को अधिक सुविधा और लचीलापन मिलेगा।
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ईपीएफ योगदान सीमा में बदलाव:
वर्तमान में कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी का 12% ईपीएफ में योगदान करते हैं, जिसमें 15,000 रुपये की वेतन सीमा लागू होती है। सरकार इस सीमा को समाप्त करने पर विचार कर रही है, जिससे कर्मचारी अपनी वास्तविक सैलरी के आधार पर योगदान कर सकेंगे। इससे रिटायरमेंट तक बड़ा फंड इकट्ठा करने में मदद मिलेगी और पेंशन राशि में वृद्धि होगी।
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ईपीएफओ 0 के तहत उच्च पेंशन के लिए अधिक योगदान:
ईपीएफओ ने ‘ईपीएफओ 3.0’ पहल के तहत कर्मचारियों को पेंशन के लिए अधिक अंशदान करने की अनुमति देने की योजना बनाई है। इससे कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद उच्च पेंशन प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
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एटीएम कार्ड के माध्यम से पीएफ निकासी:
ईपीएफओ जल्द ही एटीएम कार्ड जारी करने की योजना बना रहा है, जिससे कर्मचारी किसी भी समय और कहीं से भी अपने पीएफ खाते से धनराशि निकाल सकेंगे। यह कदम पीएफ निकासी प्रक्रिया को सरल और त्वरित बनाने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है।
इन परिवर्तनों का उद्देश्य ईपीएफओ की सेवाओं को अधिक सुलभ, पारदर्शी और उपयोगकर्ता-मित्र बनाना है, जिससे कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को बेहतर लाभ मिल सके।
UPI 123Pay लेनदेन सीमा बढ़ाना
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने UPI 123Pay के माध्यम से लेनदेन की सीमा को बढ़ाकर ₹10,000 कर दिया है, जो 1 जनवरी 2025 से प्रभावी होगी।
UPI 123Pay एक ऐसी सुविधा है जो फीचर फोन उपयोगकर्ताओं को बिना इंटरनेट कनेक्शन के UPI भुगतान करने की अनुमति देती है। पहले, इस सेवा के माध्यम से प्रति लेनदेन अधिकतम ₹5,000 तक भेजे जा सकते थे, लेकिन अब यह सीमा बढ़ाकर ₹10,000 कर दी गई है।
इस बदलाव का उद्देश्य डिजिटल भुगतान को और अधिक सुलभ और सुविधाजनक बनाना है, विशेषकर उन उपयोगकर्ताओं के लिए जो स्मार्टफोन या इंटरनेट कनेक्शन का उपयोग नहीं करते हैं। यह कदम ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने में सहायक होगा।
UPI 123Pay के माध्यम से भुगतान करने के लिए, उपयोगकर्ता अपने फीचर फोन से एक विशिष्ट नंबर डायल करके निर्देशों का पालन कर सकते हैं, जिससे वे आसानी से भुगतान कर सकेंगे। इस सेवा के बारे में अधिक जानकारी और उपयोग विधि के लिए, आप अपने बैंक या UPI सेवा प्रदाता से संपर्क कर सकते हैं।
वीजा नियमों मे परिवर्तन
1 जनवरी 2025 से गैर आव्रजन वीजा आवेदकों के लिय अपॉईंटमेंट पुननिर्धारण की प्रक्रिया मे बदलाव होगा। आवेदक अब एक बार मुफ़्त मे अपने अपॉईंटमेंट को पुननिर्धारण कर सकते हैं इसके बाद किसी भी अतिरिक्त पुननिर्धारण के लिय फिर से आवेदन करना पड़ेगा और शुल्क का भुगतान करना होगा।
वीजा नियमों का सारांश
- मुफ़्त पुननिर्धारण: एक बार मुफ़्त पुननिर्धारण की सुबिधा होगी।
- अतिरिक्त शुल्क: आगे पुननिर्धारण पर शुल्क लगेगा।
शेयर बाजार नियमों मे परिवर्तन:
1 जनवरी 2025 से शेयर बाजार से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण नियमों में परिवर्तन किए गए हैं, जो निवेशकों और ट्रेडर्स को प्रभावित करेंगे।
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सेंसेक्स और अन्य सूचकांकों की एक्सपायरी तिथियों में बदलाव:
अब सेंसेक्स, सेंसेक्स-50, और बैंकेक्स की मासिक एक्सपायरी तिथि शुक्रवार से बदलकर मंगलवार कर दी गई है। यह परिवर्तन साप्ताहिक और मासिक अनुबंधों पर प्रभाव डालेगा।
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लेनदेन शुल्क में संशोधन:
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने अपने लेनदेन शुल्क में संशोधन किया है, जो 1 जनवरी 2025 से प्रभावी है। उदाहरण के लिए, BSE ने इक्विटी डेरिवेटिव सेगमेंट में सेंसेक्स और बैंकेक्स ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट के लिए ट्रांजैक्शन चार्ज को संशोधित कर 3,250 रुपये प्रति करोड़ प्रीमियम टर्नओवर कर दिया है।
इन परिवर्तनों का उद्देश्य शेयर बाजार में पारदर्शिता बढ़ाना और निवेशकों के हितों की रक्षा करना है। निवेशकों और ट्रेडर्स को सलाह दी जाती है कि वे इन नए नियमों के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करें और अपने निवेश निर्णयों में इन परिवर्तनों को ध्यान में रखें।
Disclaimer:
यह जानकारी केवल सूचनातमक उद्देशय के लिय प्रदान की गई है। सभी योजनायें वास्तविक है हलाकी किसी भी योजना या परिवर्तन के बारे मे अंतिम निर्णय लेने से पहले संबंधित अधिकारियों से सलाह लेना उचित हैं।
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