कौन है तान्या मित्तल, महाकुंभ 2025 की भगदड़ में मानवता की मिसाल वन गई तान्या मित्तल

कौन है तान्या मित्तल: महाकुंभ एक पवित्र धार्मिक आयोजन है जिसमें लाखों श्रद्धालु गंगा यमुना और सरस्वती के संगम तट पर स्नान करने के लिए एकत्रित होते हैं। यह आयोजन हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है लेकिन 2025 का महाकुंभ एक दुखद हादसे के लिए भी याद किया जाएगा। मौनी अमावस्या की रात को मची भगदड़ ने इस आयोजन पर एक स्याह धब्बा लगा दिया है। इस भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग घायल हुए। इसी बीच एक युवती तान्या मित्तल ने मानवता की मिसाल पेश की है। उन्होंने कई बच्चों को उनके परिवार से मिलाने और घायलों की मदद करने का साहसिक कार्य किया है। लेकिन आपके मन मे यह सवाल जरूर आता होगा की कौन है यह तान्या मित्तल तो आइए इस लेख मे जानते है उनकी प्रेरणादायक कहानी।

कौन हैं तान्या मित्तल?

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तान्या मित्तल एक इंटरप्रेन्योर और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हैं। वह मिस एशिया टूरिज्म यूनिवर्स 2018 रह चुकी हैं और विभिन्न सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय हैं। महाकुंभ के दौरान वह उत्तर प्रदेश पर्यटन के प्रचार के लिए प्रयागराज आई हुई थीं। इस बीच तान्या का एक वीडियो पहले भी वायरल हुआ था जिसमें उन्होंने उत्तर प्रदेश प्रशासन की तारीफ की थी। हालांकि, मौनी अमावस्या की भगदड़ ने उनकी जिंदगी में एक ऐसा मोड़ ला दिया जिसे वे कभी नहीं भूल सकतीं है।

कौन है तान्या मित्तल
कौन है तान्या मित्तल

भगदड़ वाली रात की घटना

तान्या मित्तल ने कई मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर उस रात की भयावहता को साझा किया है। उन्होंने बताया कि मौनी अमावस्या की रात वे सुबह ढाई बजे स्नान के लिए घाट पर गई थीं। तभी अचानक भगदड़ मच गई। चारों ओर चीख-पुकार मची हुई थी। लोग एक-दूसरे को कुचल रहे थे और सांस न ले पाने की वजह से दम तोड़ रहे थे। तान्या ने बताया कि पहले तो वे और उनकी टीम डर गए थे लेकिन जब उन्होंने महिलाओं और बच्चों की चीखें सुनीं तो उन्होंने मदद के लिए आगे बढ़ने का निर्णय लिया।

बच्चों और बुजुर्गों की मदद

भगदड़ के दौरान तान्या मित्तल ने अपनी टीम और निजी सुरक्षा गार्ड्स की मदद से सबसे पहले बच्चों और बुजुर्गों को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाया। उन्होंने हल्दीराम स्टोर के मालिक की परवाह किए बिना स्टोर के अंदर घायलों को स्थान दिया ताकि उनकी जान बचाई जा सके। तान्या और उनकी टीम ने बच्चों को बिस्किट और पानी दिया और उनकी हर संभव मदद की।

नेटवर्क की समस्या और प्रशासन से संपर्क

तान्या ने बताया कि उस समय फोन का नेटवर्क भी नहीं था। उन्होंने लाशों के पास पड़े फोन से हॉटस्पॉट के जरिए नेटवर्क पाने की कोशिश की। काफी मशक्कत के बाद उन्हें नेटवर्क मिला और उन्होंने डीआईजी मेला को कॉल किया लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुआ। फिर उन्होंने प्रदेश के प्रिंसिपल सेक्रेटरी को कॉल किया जिन्होंने उन्हें सुरक्षा का ध्यान रखते हुए मदद करने का निर्देश दिया।

कौन है तान्या मित्तल
कौन है तान्या मित्तल

बच्चों को परिवार से मिलाने का कार्य

तान्या मित्तल ने लगातार 36 घंटों तक मेहनत की और बच्चों को उनके परिवार से मिलाने का काम किया। वे यह सुनिश्चित कर रही थीं कि कोई भी बच्चा गलत हाथों में न जाए। पहचान पत्र और आधार कार्ड की जांच के बाद ही बच्चों को उनके माता-पिता के हवाले किया जा रहा था।

तान्या मित्तल का भावुक बयान

तान्या मित्तल ने बताया कि उन्हें सोशल मीडिया पर वीआईपी होने के लिए ट्रोल किया गया था। लेकिन भगदड़ की उस भयानक रात ने उन्हें हमेशा के लिए बदल दिया। उन्होंने कहा, “मैं कभी किसी की उठावनी में भी नहीं गई थी, लेकिन उस रात मैंने इतनी लाशें देखीं कि मैं कभी नहीं भूल सकती हु। मैंने बच्चों को बचाने का निर्णय इसलिए लिया क्योंकि मैं उन्हें मरते हुए नहीं देख सकती थी।” https://ashok79.com/?post_type=web-story&p=1082

लोगों के लिए प्रेरणा

तान्या मित्तल की कहानी न केवल साहस की मिसाल है बल्कि यह भी दिखाती है कि विपरीत परिस्थितियों में मानवता की सेवा सबसे बड़ा धर्म है। उनका मानना है कि हर व्यक्ति के काम का सम्मान किया जाना चाहिए। उनकी इस कहानी ने न केवल स्थानीय लोगों बल्कि पूरे देश को प्रेरित किया है।

निष्कर्ष

महाकुंभ 2025 में हुई भगदड़ एक दुखद घटना थी लेकिन तान्या मित्तल जैसे लोगों के साहस ने इस घटना में आशा की किरण पैदा की है। उनकी कहानी यह संदेश देती है कि विपरीत परिस्थितियों में भी हमें मानवता के प्रति अपने कर्तव्यों को नहीं भूलना चाहिए। यह घटना भले ही प्रशासनिक खामियों को उजागर करती है, लेकिन तान्या जैसे नायकों की वजह से यह यादगार भी बन जाती है। https://www.uptak.in/apna-up/story/tanya-mittal-was-praising-vvip-ghat-in-mahakumbh-tanya-mittal-started-crying-after-telling-her-condition-after-the-stampede-3158421-2025-01-31

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