EPFO Pension: नमस्ते दोस्तों! क्या आप प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं और हर महीने आपका PF कटता है? अगर हाँ, तो यह जानकारी आपके लिए बहुत काम की हो सकती है। आपको पता है कि आपकी सैलरी से कटने वाले PF का एक हिस्सा पेंशन के लिए भी जमा होता है? जी हाँ! EPFO (एम्प्लॉयी प्रोविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन) की एम्प्लॉयी पेंशन स्कीम (EPS) के तहत आप रिटायरमेंट के बाद हर महीने पेंशन पा सकते हैं। लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें और प्रक्रियाएँ हैं, जिन्हें समझना जरूरी है। चलिए, आसान आसान तरीके से जानते हैं कि यह स्कीम कैसे काम करती है और आप कैसे लाभ ले सकते हैं।
EPS क्या है? समझिए 2 मिनट में
EPS यानी एम्प्लॉयी पेंशन स्कीम, EPFO द्वारा चलाई जाने वाली एक पेंशन योजना है। यह उन सभी प्राइवेट कर्मचारियों के लिए है जो PF अकाउंट में योगदान देते हैं। हर महीने आपकी सैलरी से 12% PF कटता है जिसमें से 8.33% EPS में जाता है। इसे आपकी कंपनी भी मैच करती है। यह पैसा हर महीने जमा होता रहता है और रिटायरमेंट के बाद आपको मासिक पेंशन के रूप में मिलता है।
सबसे बड़ा फायदा: अगर आपने कम से कम 10 साल किसी कंपनी में काम किया है तो आप पेंशन के हकदार बन जाते हैं। पेंशन की रकम आपकी सर्विस की अवधि और सैलरी पर निर्भर करती है।

कितनी पेंशन मिलेगी? एक उदाहरण से समझें
मान लीजिए, आपकी बेसिक सैलरी + DA (यानी मूल वेतन + महँगाई भत्ता) ₹15,000 है और आपने 10 साल काम किया है। तो आपकी पेंशन होगी:
पेंशन = (सैलरी × सर्विस के साल) / 70
= (15,000 × 10) / 70
= ₹2,142 (लगभग) प्रति महीना
लेकिन अगर आपने 20 साल काम किया है, तो पेंशन होगी:
(15,000 × 20) / 70 = ₹4,285 प्रति महीना
ध्यान दें: अभी न्यूनतम पेंशन ₹1,000 और अधिकतम ₹7,500 है। हालाँकि, कर्मचारी संघ ₹7,500 को न्यूनतम पेंशन बनाने की माँग कर रहे हैं।
EPS के लिए क्या शर्तें हैं?
- कम से कम 10 साल की नौकरी: चाहे एक कंपनी में हो या अलग-अलग कुल मिलाकर 10 साल होने चाहिए।
- उम्र 58 साल: पेंशन 58 साल की उम्र के बाद ही मिलती है। अगर आप 50 साल में रिटायर होते हैं तो 58 तक इंतज़ार करना होगा।
- PF अकाउंट एक्टिव होना: जिस अकाउंट से EPS जुड़ा है वह एक्टिव होना चाहिए।
खास बात: अगर आपकी नौकरी 10 साल से कम में छूट गई तो EPS का पैसा वापस नहीं मिलता। इसलिए, कोशिश करें कम से कम 10 साल पूरे करें।
कैसे चेक करें आपका EPS बैलेंस?
- EPFO पोर्टल पर लॉग इन करें: EPFO Member Portal पर जाएँ।
- ‘View Pension Passbook’ पर क्लिक करें: यहाँ आपको EPS का पूरा डिटेल मिल जाएगा।
- मोबाइल ऐप यूज करें: ‘UMANG ऐप’ डाउनलोड करके EPS स्टेटस देखें।
अगर आप नौकरी बदलते हैं तो क्या होगा?
बहुत से लोगों के मन में यह सवाल होता है। लेकिन चिंता न करें! EPS का लाभ लेने के लिए नौकरी बदलने से कोई फर्क नहीं पड़ता। बस हर नई कंपनी में PF अकाउंट को अपने पुराने UAN (यूनिवर्सल अकाउंट नंबर) से लिंक करवाएँ। इससे सभी जॉब्स का रिकॉर्ड एक ही जगह मिल जाएगा।
EPS से जुड़े 5 जरूरी सवाल-जवाब (FAQs)
Q1: क्या महिलाएँ EPS का लाभ ले सकती हैं?
हाँ! पुरुष और महिला कर्मचारियों के लिए समान नियम हैं।
Q2: अगर नौकरी छोड़ने के बाद 58 साल से पहले मर जाएँ तो क्या होगा?
ऐसी स्थिति में पेंशन आपके पति/पत्नी या बच्चों को मिल सकती है।
Q3: क्या पार्ट-टाइम जॉब में भी EPS मिलता है?
नहीं। यह स्कीम सिर्फ उन्हीं कर्मचारियों के लिए है जहाँ PF कटता है।
Q4: EPS की रकम पर टैक्स लगता है?
जी नहीं। पेंशन पर इनकम टैक्स एक्ट की धारा 10(12A) के तहत छूट है।
Q5: पेंशन कैसे मिलेगी?
पेंशन हर महीने सीधे आपके बैंक खाते में ट्रांसफर होगी।
इन गलतियों से बचें वर्ना पेंशन अटकेगी!
- UAN न लिंक कराना: अगर आपका UAN नंबर PF अकाउंट से नहीं जुड़ा है, तो EPS डिटेल नहीं मिलेगी।
- नॉमिनी न रखना: अगर आपने नॉमिनी नहीं बनाया है तो आपके गुजरने के बाद परिवार को पेंशन लेने में दिक्कत होगी।
- डॉक्यूमेंट अपडेट न करना: अगर आपका आधार या बैंक डिटेल गलत है, तो पैसा अटक सकता है।
क्या होगा अगर न्यूनतम पेंशन ₹7,500 हो जाए?
कर्मचारी संघों की माँग है कि न्यूनतम पेंशन ₹1,000 से बढ़ाकर ₹7,500 कर दी जाए। अगर ऐसा होता है, तो उदाहरण के तौर पर:
- 10 साल की सर्विस वाले को ₹7,500 महीना मिलेगा (अभी ₹2,142 मिलता है)।
- 20 साल वाले को भी ₹7,500 मिलेगा (अभी ₹4,285 मिलता है)।
हालाँकि, सरकार ने अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया है। - यह भी देखे https://ashok79.com/pf-khatadharko-ke-liyay-bade-badlav/
कैसे करें अप्लाई? स्टेप बाय स्टेप गाइड
- PF अकाउंट बनवाएँ: जब भी नई नौकरी जॉइन करें, कंपनी से PF रजिस्ट्रेशन करवाएँ।
- UAN एक्टिवेट करें: UAN नंबर मिलने के बाद उसे ऑनलाइन एक्टिवेट करें।
- KYC अपडेट करें: आधार, पैन और बैंक डिटेल EPFO पोर्टल पर जमा करें।
- रिटायरमेंट के 6 महीने पहले फॉर्म भरें: Form 10D ऑनलाइन या ऑफलाइन जमा करें।
निष्कर्ष: थोड़ी सी सावधानी, बुढ़ापे की सुरक्षा
EPS एक बेहतरीन स्कीम है, जो आपके काम के सालों को पेंशन में बदल देती है। बस थोड़ी सी प्लानिंग और डॉक्यूमेंट्स का ध्यान रखकर आप रिटायरमेंट के बाद भी निश्चिंत रह सकते हैं। अगर आप अभी 30-40 साल के हैं, तो EPS पर जरूर रिसर्च करें—यह आपके भविष्य का आधार बन सकता है।
याद रखें: PF और EPS सिर्फ कटौती नहीं हैं ये आपके बुढ़ापे की सेविंग्स हैं। इसलिए, हर साल अपना पेंशन पासबुक चेक करते रहें और अपडेट रहें।