किसान सिंचाई सब्सिडी योजना का उद्देश्य किसानों को आधुनिक और प्रभावी सिंचाई प्रणालियों के उपयोग के लिए प्रोत्साहित करना है। यह योजना जल की बचत, फसल उत्पादन बढ़ाने, और किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार करने के लिए भारत सरकार और विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा चलाई जा रही है।
किसान सिंचाई सब्सिडी योजनाओं के प्रमुख उद्देश्य:
- जल की बचत: सूक्ष्म सिंचाई (ड्रिप और स्प्रिंकलर सिस्टम) का उपयोग कर जल का कुशल उपयोग सुनिश्चित करना। इससे पानी की बचत होगी
- उत्पादकता बढ़ाना: सही समय और सही मात्रा में पानी देकर फसलों की उत्पादकता बढ़ाना। और पानी की भी कम खपत होना
- कृषि लागत में कमी: जल और बिजली की खपत को कम करना। जिससे किसानों को कम लागत लगानी पड़ेगी
- हरित कृषि: पर्यावरण के अनुकूल सिंचाई तकनीकों को बढ़ावा देना। और कम पानी मे अच्छी सिचाई करना जिससे फसल को समय समय पर पानी मिलते रहना
प्रमुख सिंचाई सब्सिडी योजनाएँ:
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प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY):
- लक्ष्य: प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का मुख्य लक्ष्य “हर खेत को पानी” और सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली (ड्रिप और स्प्रिंकलर) को बढ़ावा देना।
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सब्सिडी:
लघु एवं सीमांत किसानों को 55%-70% तक की सब्सिडी दी जाती है। अन्य किसानों को 45%-50% तक की सब्सिडी मिलती है।
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सिंचाई तकनीकें:
- ड्रिप सिंचाई (पानी की बूँद-बूँद से फसलों तक पहुँचाना)।
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- स्प्रिंकलर सिंचाई (छिड़काव विधि)।
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पर ड्रॉप मोर क्रॉप (Per Drop More Crop):
- यह योजना सूक्ष्म सिंचाई तकनीकों पर केंद्रित है।
- किसानों को जल उपयोग दक्षता बढ़ाने के लिए सहायता दी जाती है।
- सब्सिडी का प्रावधान ड्रिप और स्प्रिंकलर सिस्टम खरीदने पर है।
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राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY):
- सिंचाई परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता।
- राज्य सरकारों के माध्यम से कार्यान्वित होती है।
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मुख्यमंत्री किसान सिंचाई योजना (राज्य स्तरीय योजनाएँ):
- राज्य सरकारें अपने क्षेत्र के लिए विशेष सिंचाई योजनाएँ चलाती हैं।
- सब्सिडी की दर और पात्रता राज्य पर निर्भर करती है।
सब्सिडी प्राप्त करने की प्रक्रिया:
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आवेदन प्रक्रिया:
- संबंधित राज्य की कृषि विभाग की वेबसाइट पर जाएँ।
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- “सिंचाई योजना” या “सूक्ष्म सिंचाई योजना” का विकल्प चुनें।
- आवेदन पत्र भरें और आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें।
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आवश्यक दस्तावेज़:
- आधार कार्ड
- जमीन के कागजात (खसरा/खतौनी)
- बैंक खाता विवरण
- किसान पंजीकरण प्रमाणपत्र
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सिंचाई उपकरण खरीदें:
- सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त विक्रेताओं से ड्रिप या स्प्रिंकलर सिस्टम खरीदें।
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निरीक्षण और स्वीकृति:
- सिंचाई प्रणाली लगाने के बाद सरकारी अधिकारी निरीक्षण करते हैं।
- स्वीकृति मिलने पर सब्सिडी की राशि सीधे किसान के खाते में ट्रांसफर की जाती है।
ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया
- अपने छेत्र के कर्षी विभाग कार्यालय मे जाएं
- आवेदन फॉर्म प्राप्त करे और उसे भरे
- सभी जरूरी दस्तावेजों को लगाएं
- फॉर्म को कर्षी विभाग के संबंधित अधिकारी के पास जमा करें
- सत्यापन के बाद आपको सब्सिडी का लाभ दिया जायगा
कौन ले सकता है योजना का लाभ
सिचाई पाइप योजना का लाभ केवल उन्ही किसानों को मिलेगा जो कुछ विशेष पात्रता शर्तों को पूरा करते हैं
- लघु और सीमांत किसान: योजना का लाभ प्राथमिक रूप से छोटे और सीमांत किसानों के लिय है।
- डीबीटी सझम आधार कार्ड: किसान का आधार कार्ड डीबीटी (डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर) के लिय लिंक सझम होना चाहिये
- खेत से संबंधित कागजात: किसान के पास खेती के स्वामित्व से जुड़े वैध दस्तावेज होने चाहिये
योजना के लाभ:
- पानी की बचत: 40%-50% तक पानी की खपत कम होती है।
- पैदावार में वृद्धि: फसल की गुणवत्ता और मात्रा दोनों में सुधार होता है।
- खर्च में कमी: उर्वरकों और बिजली की खपत कम होती है।
- जल स्रोत संरक्षण: भूजल स्तर बनाए रखने में मदद।
जानकारी के स्रोत:
- राज्य कृषि विभाग।
- कृषि विज्ञान केंद्र (KVK)।
- भारतीय सूक्ष्म सिंचाई उद्योग संघ (ISMA)।
नोट: सब्सिडी की दर और योजना का विवरण राज्य सरकार की नीतियों पर निर्भर करता है। आवेदन से पहले अपने क्षेत्र के कृषि विभाग से संपर्क करें।