परमानन्द महाराज जी ने बताया दोस्ती मानव जीवन का वह महत्वपूर्ण हिस्सा है जो न केवल हमारे मन को प्रसन्न करता है बल्कि हमारी हर खुशी और दुख मे बिना लालच के खड़ा रहता है। और उसी को एक सच्चा दोस्त कहा जाता है परमानन्द महाराज जी ने दोस्ती को गहरी और आध्यात्मिक दृष्टि से समझाया है। परमानन्द महाराज जी के विचार हमें यह सिखाते हैं कि सच्ची दोस्ती का आधार केवल प्रेम और विश्वास ही नहीं है बल्कि सेवा, त्याग और सहिष्णुता भी है। आइए, परमानन्द महाराज जी के द्वारा बताए गए सभी दोस्ती के गुरु मंत्र को सरल शब्दों में समझने की कोशिश करते हैं।
दोस्ती का अर्थ:
परमानन्द महाराज जी के अनुसार दोस्ती केवल दो व्यक्तियों के बीच का रिश्ता नहीं है, बल्कि यह आत्मा का आत्मा से जुड़ाव है। दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है जो आपसी विश्वास, स्नेह, समझदारी और सहयोग पर आधारित होता है। यह एक ऐसा बंधन है जहाँ दो व्यक्ति बिना किसी लाभ के एक-दूसरे का साथ देते हैं और सुख-दुःख में भी एक-दूसरे के साथ खड़े रहते हैं। और एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करते हैं उन्होंने बताया दोस्ती में हमें अपने अहंकार को त्यागना होता है और अपने मित्र के सुख-दुख में शामिल होना होता है। इसी को सच्ची दोस्ती बोलते हैं।
सच्चे दोस्त की पहचान
परमानन्द महाराज जी बताते हैं कि सच्चा दोस्त वही होता है जो आपके साथ हर परिस्थिति में खड़ा रहता है। सुख हो या दुख हो लेकिन वह आपके साथ हमेशा खड़ा रहता है इसी को सच्चा दोस्त कहते हैं। परमानद महाराज जी के अनुसार सच्चे दोस्त की पहचान निम्नलिखित गुणों से होती है: आइये जानते हैं।
- निस्वार्थता: सच्चा दोस्त आपसे कुछ पाने की अपेक्षा काभी नहीं करता। वह आपके साथ केवल आपके भले के लिए खड़ा रहता है। ना की किसी लाभ के लिय अगर उसको कोई लाभ है आपसे तो वह आपका सच्चा दोस्त भूलकर भी नहीं हो सकता है।
- सहनशीलता: दोस्ती में काभी भी लड़ाई झगड़े हो सकते है। लेकिन सच्चा दोस्त उन मतभेदों को सहन करता है और रिश्ते को बनाए रखने का प्रयास करता है।
- ईमानदारी: सच्चा दोस्त हमेशा आपकी गलतियों को आपको स्पष्ट रूप से बताने का साहस रखता है। ना की उनको छुपाने का सच्चा दोस्त काभी भी आपके प्रति चापलूसी नहीं करता बल्कि सच्चाई के साथ आपको सही रास्ता दिखाता है।
- समर्पण: सच्चा दोस्त हमेशा आपके साथ खड़ा रहता है तन, मन, धन सब से सच्चा दोस्त हमेशा आपकी खुशियों और परेशानियों को अपना समझता है।
दोस्ती के गुरु मंत्र
परमानन्द महाराज जी ने दोस्ती को मजबूत और गहरा बनाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण गुरु मंत्र बताए हैं। इन गुरु मंत्रों को अपनाकर हम न केवल अपनी दोस्ती को बेहतर बना सकते हैं, बल्कि अपने जीवन को भी अधिक सुखमय बना सकते हैं।
- सच्चाई को अपनाएं
उन्होंने कहा की दोस्ती का सबसे पहला नियम है सच्चाई है। इस रिस्ते मे आप जितना सच्चाई को अपनाते हैं दोस्ती उतनी ही गहरी होती जाती है। प्रेमानन्द महाराज जी ने बताया दोस्ती मे काभी भी झूठ और छल किसी भी तरह का नहीं होना चाहिये यह रिश्ते को कमजोर बना देता है। सच्चे दोस्त हमेशा एक-दूसरे के प्रति ईमानदार रहते हैं। और अपनी दोस्ती को कायम रखते हैं।
- विश्वास को बनाए रखें
उन्होंने बताया दोस्ती का रिस्ता हमेशा विश्वास पर ही टीका रहता है। तो काभी भी ऐसा काम न करें जिससे आपके मित्र का आपसे विश्वास ही टूट जाय यदि किसी मित्र के प्रति आपका विश्वास टूट जाए तो दोस्ती का रिश्ता बहुत कमजोर हो जाता है। परमानन्द महाराज जी कहते हैं कि मित्रों के प्रति हमेशा भरोसेमंद बने रहें।
- सेवा भाव रखें
सच्ची दोस्ती में सेवा का भाव होना आवश्यक है। इसका मतलब है कि आप अपने मित्र के लिय हमेशा तैयार रहें और भलाई के लिए काम करें बिना किसी लालच के चाहे इसके लिए आपको कुछ भी करना पड़े। तो करो इसी को सच्ची दोस्ती कहा जाता है।
- क्षमाशील बनें
कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं होता है जिससे गलती न हो अगर दोस्ती मे काभी किसी मित्र से गलती हो जाती है और उस को अपनी गलती का आहसास होता तथा वह सरमिंदगी महसूस करता है तो उसकी गलतियों को माफ करना सीखो परमानन्द महाराज जी कहते हैं कि हमें अपने मित्र की गलतियों को माफ करना आना चाहिए।
- समानता का भाव रखें
परमानद महाराज जी कहते हैं दोस्ती मे कोई बड़ा छोटा नहीं होता है। हमेशा अपने दोस्तों को बराबर समझना चाहिये इससे दोस्ती और भी गहरी होती है।
दोस्ती के लाभ
परमानन्द महाराज जी के विचारों के अनुसार, सच्ची दोस्ती से हमें कई लाभ मिलते हैं। ये लाभ न केवल हमारे व्यक्तिगत जीवन को समृद्ध करते हैं, बल्कि हमें समाज में भी एक अच्छा इंसान बनने में मदद करते हैं।
- आत्मविश्वास में वृद्धि: सच्चे दोस्त हमें हर स्थिति में सही सल्हा देने का काम करते हैं, जिससे हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है। और हम सही रास्ते को चुनते हैं।
- मानसिक शांति: जब भी हम किसी परेशानी मे होते है और अगर दोस्त मिल जाय तो हमारा तनाव उसी बक्त खत्म हो जाता है इसलिये दोस्ती का साथ हमेशा हमें तनाव से दूर रखता है और मानसिक शांति प्रदान करता है।
- जीवन में सकारात्मकता: सच्चे दोस्त हमारे जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण लाते हैं।
- समस्याओं का समाधान: कठिन परिस्थितियों में दोस्त हमारी मदद करते हैं और सरल समाधान खोजने में मदद करते हैं।
दोस्ती में आने वाली चुनौतियां
हर रिश्ता चुनौतियों से भरा होता है इसलिये दोस्ती का रिस्ता भी इससे छूटा नहीं है। परमानन्द महाराज जी ने दोस्ती में आने वाली चुनौतियों का समाधान भी बताया है।
- मतभेद: विचारों का अलग होना स्वाभाविक है, लेकिन हमें अपने मित्र के विचारों का सम्मान करना चाहिए।
- दूरी: जीवन की काम काज के कारण समय नहीं मिल पता है जिससे दोस्ती में दूरी आ जाती है लेकिन सच्चे मित्र हमेशा संपर्क बनाए रखते हैं। और अपनी दोस्ती को बरकरार रखते हैं।
- अहंकार: अहंकार दोस्ती का सबसे बड़ा दुश्मन है। हमें काभी भी अपनी दोस्ती पर अहंकार नहीं दिखाना चाहिए दोस्ती मे हमेशा अहंकार को त्याग दें और दोस्ती को हमेशा प्राथमिकता देनी चाहिए।
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निष्कर्ष
परमानन्द महाराज जी के अनुसार, दोस्ती केवल एक रिश्ता नहीं है, बल्कि यह एक जीवन जीने का तरीका है। सच्ची दोस्ती हमें न केवल खुशियां देती है, बल्कि हमारे जीवन को भी अर्थपूर्ण बनाती है। उनके बताए गए गुरु मंत्र हमें सिखाते हैं कि दोस्ती में सच्चाई, विश्वास, सेवा, क्षमा और समानता का महत्व है बहुत जरूरी है यदि हम इन मूल्यों को अपनाते हैं, तो हमारी दोस्ती हमेशा मजबूत और गहरी बनी रहेगी।
आइए, हम सभी परमानन्द महाराज जी के इन शिक्षाओं को अपने जीवन में अपनाएं और अपनी दोस्ती को और भी अधिक सुंदर बनाएं।
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