महाकुंभ के चर्चित ‘IITian बाबा अभय सिंह: दोस्तों महाकुंभ में जहां साधु-संतों और तपस्वियों की चर्चा होती है वहीं इस बार सुर्खियों में एक अलग ही साधु रहे हैं जिनका नाम है ‘IITian बाबा’ उर्फ अभय सिंह। यह नाम लोगों के बीच काफी तेजी से फैल रहा है और उनके विचार व निर्णयों ने सोशल मीडिया से लेकर महाकुंभ तक सबका ध्यान खींचा है। लेकिन उनके इस अद्वितीय सफर के पीछे की कहानी काफी जटिल और दिलचस्प है। आइए जानते हैं, कैसे अभय सिंह ने IIT मुंबई की पढ़ाई और एक सुनहरे करियर को छोड़कर साधु बनने का फैसला किया, और क्यों वे अपने माता-पिता से नाराज हैं।
IIT से साधु बाब तक का सफर
अभय सिंह ने भारत के प्रतिष्ठित संस्थान IIT मुंबई से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की है। उनकी पढ़ाई और योग्यता उन्हें लाखों की नौकरी दिला सकती थी और उन्होंने कुछ समय के लिए एक प्रतिष्ठित नौकरी भी की। लेकिन अपनी आंतरिक बेचैनी और परिवार के माहौल से निराश होकर उन्होंने इस भौतिक संसार से दूरी बनाने का फैसला किया। उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और संन्यास का मार्ग अपनाया। यह निर्णय केवल एक साधारण कदम नहीं था बल्कि उनके जीवन की गहरी पीड़ा और आत्म-खोज की प्रक्रिया का परिणाम था।
अभय सिंह का माता-पिता से नाराजगी का कारण
दोस्तों अभय सिंह ने अपने माता-पिता के साथ अपने रिश्ते पर खुलकर बात की है। उन्होंने बताया कि जब वे छोटे थे तो उनके माता-पिता के बीच लगातार झगड़े होते थे। इस घरेलू कलेश का उन पर गहरा मानसिक प्रभाव पड़ा। घर का माहौल इतना तनावपूर्ण था कि वे स्कूल से घर आते ही खुद को कमरे में बंद कर लेते थे और पढ़ाई में डूब जाते थे। वे अपनी शिक्षा को एकमात्र ऐसा साधन मानते थे जिससे वे इस माहौल से बच सकते थे। अभय सिंह ने बताया “बचपन से ही मेरे माता-पिता ने मुझे कभी वो प्यार और सहारा नहीं दिया जिसकी एक बच्चे को जरूरत होती है। उनकी लड़ाई और व्यवहार ने मुझे अंदर से तोड़ दिया।” इस मानसिक तनाव ने उन्हें शादी ना करने और संन्यासी का जीवन जीने का फैसला लेने पर मजबूर कर दिया।
पिता के लिए विनाश की भविष्यवाणी
हाल ही में एक मीडिया इंटरव्यू में जब उनसे पूछा गया कि उनके पिता उन्हें घर वापस बुला रहे हैं तो अभय सिंह ने बेहद कठोर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा “उनका विनाश तय है। उनके कर्म इतने खराब हैं कि उनका फल उन्हें जरूर मिलेगा।” उनके इस बयान ने लोगों को चौंका दिया। उन्होंने यह भी कहा कि न्याय हमेशा कर्मों के आधार पर होता है चाहे वह माता-पिता ही क्यों न हों।
अभय सिंह के विचार और संदेश
अभय सिंह ने अपने इंटरव्यू में कहा कि बच्चों के विकास के लिए सबसे जरूरी है प्यार और स्नेह। उन्होंने कहा “माता-पिता को हमेशा बच्चों को केवल प्यार देना चाहिए। शिक्षा और अन्य चीजें बाद में आती हैं। अगर माता-पिता अपने बच्चों से सच्चा प्यार करें तो बच्चे चाहे अनपढ़ ही क्यों न रहे वे जीवन में जरूर सफल होंगे। अभय सिंह के विचारों से यह स्पष्ट होता है कि वे केवल अपने जीवन में शांति और सच्चाई की खोज कर रहे हैं। उनके मुताबिक हमारे कर्म हमारे जीवन के हर पहलू को प्रभावित करते है और यही वजह है कि उन्होंने अपने माता-पिता के कर्मों पर सवाल उठाए।
सोशल मीडिया और लोकप्रियता
सोशल मीडिया पर अभय सिंह के वीडियो वायरल हो रहे हैं। लोग उनकी जीवनशैली और उनके विचारों को लेकर तरह-तरह की राय रख रहे हैं। कुछ लोग उनकी निंदा कर रहे हैं तो कुछ उनके विचारों से प्रेरणा ले रहे हैं। उनकी बातों में जो गहराई और सच्चाई झलकती है उसने उन्हें लाखों लोगों के दिलों तक पहुंचा दिया है।
माता-पिता का दर्द
अभय सिंह के माता-पिता ने छह महीने से उनके लौटने का इंतजार किया। जब उन्हें सोशल मीडिया के जरिए पता चला कि उनका बेटा महाकुंभ में है तो वे उनसे मिलने पहुंचे। लेकिन ‘IITian बाबा’ ने उनसे मिलने से इनकार कर दिया। यह स्थिति माता-पिता के लिए बेहद कष्टदायक रही। अभय सिंह के पिता ने कहा “हमने उसे सिर्फ पढ़ाई के लिए प्रेरित किया था। हमने जो कुछ भी किया उसकी भलाई के लिए किया। लेकिन आज वह हमारे लिए इतनी नफरत रखता है।” https://ashok79.com/who-is-iit-baba/