अश्विन ने क्यू लिय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से अचानक लिया संन्यास, अश्विन चाहते तो अभी 2 साल और खेल सकते थे
38 साल के अश्विन भारत के लिए कई रिकॉर्ड बना चुका है। अश्विन टेस्ट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वालों में से सातवें स्थान पर हैं। अश्विन के नाम 106 टेस्ट में 537 विकेट हैं। 59 रन देकर सात विकेट उनकी सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी है। भारत के दिग्गज स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला किया है। उन्होंने गाबा टेस्ट के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी घोषणा की। अश्विन कप्तान रोहित शर्मा के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहुंचे थे और वहां इसकी घोषणा की। संन्यास से पहले अश्विन ड्रेसिंग रूम में विराट कोहली के साथ बैठे नजर आए थे। इस दौरान कोहली ने उन्हें गले भी लगाया था। अश्विन एडिलेड डे नाइट टेस्ट में टीम इंडिया का हिस्सा रहे थे।
अश्विन चाहते तो अभी 1.5-2 साल और खेल सकते थे
ब्रिसबेन टेस्ट के बाद आर अश्विन ने क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया. 106 टेस्ट मैच में उन्होंने 537 विकेट लिए. उनके अंतर्राष्ट्रीय विकेटों की संख्या 765 है. वो भारत के सबसे बड़े मैच विनर्स में से एक रहे हैं. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के बीच में संन्यास को लेकर उठते सवालों का जवाब जानिए. आर अश्विन ने ऑस्ट्रेलिया में ऑस्ट्रेलियाई अंदाज में संन्यास का ऐलान किया. इस ऑस्ट्रेलियाई अंदाज को समझने के लिए 2008 की सीरीज को याद करना होगा।
एडिलेड में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज का चौथा मैच चल रहा था. मैच के दौरान वीवीएस लक्ष्मण का एक आसान कैच एडम गिलक्रिस्ट से छूट गया. उस कैच के छूटने का विजुअल साइड स्क्रीन पर कई बार दिखाया गया. एडम गिलक्रिस्ट को बड़ी कोफ्त हुई. उन्हें लगा कि इतना आसान कैच वो कैसे छोड़ सकते हैं. उन्होंने फौरन मैथ्यू हेडन से कहा- अब बस. उसी दिन टेस्ट मैच में हर दिन होने वाली नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद ऑस्ट्रेलिया के मीडिया मैनेजर ने बताया कि एडम गिलक्रिस्ट भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करना चाहते हैं।
एडम कुछ ही मिनटों में आए और उन्होंने संन्यास का ऐलान कर दिया. गिलक्रिस्ट के संन्यास से जुड़ी कुछ बातों को समझना भी जरूरी है. जिस टेस्ट मैच में एडम ने संन्यास लिया वो उनका 96वां मैच था. 4 मैच के बाद वो 100 टेस्ट मैच खेलने वाले क्रिकेटर्स की लिस्ट में शामिल होने वाले थे. उन्हें वो 100वां टेस्ट मैच भारत में खेलना था. लेकिन इन सब बातों की परवाह किए बिना गिलक्रिस्ट ने खेल को अलविदा कह दिया. उस रोज एक बार फिर संन्यास को लेकर वो कहावत सार्थक साबित हुई कि संन्यास तब लेना चाहिए जब लोग आपसे पूछे- अभी क्यों? तब नहीं लेना चाहिए जब लोग आपसे पूछें कि अभी तक क्यों नहीं? कुछ ऐसा ही अंदाज बुधवार को आर अश्विन ने दिखाया।
बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में अब तक खेले गए तीन मैच में उन्हें 1 में ही मौका मिल पाया था. उन्होंने सोच-समझकर तय कर लिया कि टीम के साथ घूमने की बजाए वापस लौटने का वक्त आ गया है. वो टीम पर बोझ बनकर रह भी नहीं सकते ।
भारत के लिए कई रिकॉर्ड बना चुके अश्विन
38 साल का यह स्पिनर भारत के लिए कई रिकॉर्ड बना चुका है। वह टेस्ट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वालों में सातवें स्थान पर हैं। अश्विन के नाम 106 टेस्ट में 537 विकेट हैं। 59 रन देकर सात विकेट उनकी सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी है। इस दौरान उनका औसत 24.00 का और स्ट्राइक रेट 50.73 का रहा है। अश्विन टेस्ट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले भारतीय में अनिल कुंबले के बाद दूसरे नंबर पर हैं। कुंबले के नाम 619 टेस्ट विकेट थे। अश्विन का एलान चौंकाने वाला है, क्योंकि वह भारतीय सरजमीं पर भारतीय स्पिन अटैक की धार थे। अपने घर पर डेब्यू के बाद से जब भी वह स्क्वॉड में चुने गए, हर बार वह टेस्ट मैच खेले हैं। उन्होंने घर पर कोई टेस्ट मिस नहीं किया है।
अश्विन ने क्यों लिया सीरीज के बीच में फैसला?
अश्विन ने संन्यास का ऐलान भले ही ब्रिसबेन में किया, लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज इस फैसले की बड़ी वजह मानी जाएगी. न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में भारत को 3-0 से हार का सामना करना पड़ा था. भारत के 92 साल के टेस्ट इतिहास में ये पहला मौका था जब उसे तीन टेस्ट की सीरीज में कोई टीम 3-0 से हराकर गई. इन तीनों ही टेस्ट मैच में अश्विन का प्रदर्शन बिल्कुल औसत था. बेंगलुरू में उन्हें 1 विकेट मिला था. पुणे में वो पांच विकेट लेने में कामयाब हुए थे और मुंबई में तीन. अश्विन की ये पहचान नहीं थी. भारतीय टीम अगर घर में मैच खेल रही है तो अश्विन उन मैचों में ज्यादातर मौकों पर जीत की बड़ी वजह होते थे. आप आंकड़े खंगाल कर देखेंगे तो पाएंगे कि भारत में खेले गए टेस्ट मैचों में जितने मैच में जीत उन्होंने दिलाई उतनी शायद ही किसी खिलाड़ी ने दिलाई होगी.
बल्लेबाजी में भी अश्विन का जलवा
अश्विन 106 टेस्ट खेलने के अलावा 116 वनडे और 65 टी20 में भी टीम इंडिया का हिस्सा रहे। उन्होंने वनडे में 156 विकेट और टी20 में 72 विकेट लिए थे। वनडे में उनकी सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी 25 रन देकर चार विकेट और टी20 में आठ रन देकर चार विकेट है। वनडे में उनकी इकोनॉमी 4.93 की और टी20 में 6.90 की रही है। हालांकि, इन दोनों में वह एक बार भी पारी में पांच विकेट नहीं ले पाए। इसके अलावा अश्विन ने टेस्ट में काफी रन भी बनाए हैं। उनके नाम टेस्ट में 3503 रन हैं। इस दौरान उनका औसत 25.75 का रहा है। अश्विन के नाम टेस्ट में सर्वोच्च स्कोर 124 रन का रहा है। उन्होंने छह शतक और 14 अर्धशतक लगाए हैं। इसके अलावा वनडे में उन्होंने 16.44 की औसत से 707 रन और टी20 में 114.99 के स्ट्राइक रेट से 184 रन बनाए हैं।