नमस्कार दोस्तों, आज मैं आपके साथ कुछ ऐसा शेयर करने जा रहा हूँ जो मेरे लिए बहुत खास है। आपने “जीसस क्राइस्ट” का नाम तो सुना ही होगा। लेकिन क्या कभी सोचा कि ये शख्स कौन थे? इनकी जिंदगी में ऐसा क्या था जो आज भी लोग इनके बारे में जानना चाहते हैं? मैं भी पहले ज्यादा नहीं जानता था। एक दिन मैं अपने दोस्त के साथ बैठा था और उसने मुझसे पूछा “जीसस क्राइस्ट सच में थे या ये बस एक कहानी है?” बस फिर उसी दिन से मेरी उत्सुकता बढ़ गई। मैंने उनके बारे में पढ़ना शुरू किया और जो कुछ पता चला वो मैं आज आपके साथ बाँटना चाहता हूँ।
जीसस क्राइस्ट कौन थे?
सबसे पहले ये जानते हैं कि जीसस क्राइस्ट आखिर थे कौन। जीसस का जन्म आज से करीब 2000 साल पहले हुआ था। वो जगह थी बेथलेहम जो अब इजराइल में है। उस समय वहाँ रोमन साम्राज्य का राज था। उनकी माँ का नाम मरियम था और पिता का नाम जोसेफ। जोसेफ एक बढ़ई थे यानी लकड़ी का काम करते थे। अब सोचिए उस समय का माहौल कितना अलग रहा होगा। कोई बिजली नहीं कोई गाड़ियाँ नहीं बस साधारण लोग अपनी जिंदगी जी रहे थे।
मैं जब ये पढ़ रहा था तो मुझे बड़ा अजीब लगा कि जीसस का जन्म एक गौशाले में हुआ था। हाँ सच में! कहानी कुछ ऐसी है कि मरियम और जोसेफ सफर कर रहे थे। रास्ते में मरियम को बच्चा होने वाला था। उन्हें कोई जगह नहीं मिली तो एक गौशाले में जीसस पैदा हुए। ये सुनकर मुझे लगा कि शुरू से ही उनकी जिंदगी कितनी साधारण थी फिर भी वो इतने खास कैसे बन गए? शायद यही उनकी कहानी को इतना खूबसूरत बनाता है।
जीसस को “क्राइस्ट” इसलिए कहते हैं क्योंकि “क्राइस्ट” का मतलब होता है “मसीहा” या “उद्धारकर्ता”। लोग मानते हैं कि वो दुनिया को प्यार और सच्चाई का रास्ता दिखाने आए थे। लेकिन उनकी जिंदगी इतनी आसान नहीं थी जितना हम सोचते हैं। चलिए अब उनकी जिंदगी के कुछ बड़े हिस्सों को देखते हैं।
जीसस का बचपन एक साधारण शुरुआत
जीसस का बचपन ज्यादा कुछ खास नहीं था कम से कम जो हमें पता है। बाइबिल में उनके शुरुआती दिनों के बारे में बहुत कम लिखा है। लेकिन इतना पता है कि वो नाजरेथ नाम की जगह पर बड़े हुए थे। ये एक छोटा-सा गाँव था। मुझे लगता है कि वो अपने पिता जोसेफ के साथ लकड़ी का काम सीखते होंगे। शायद छोटी-छोटी चीजें बनाते होंगे जैसे कुर्सियाँ या मेज।
जब मैं ये सोचता हूँ तो मुझे अपनी जिंदगी याद आती है। हम सब का बचपन कुछ न कुछ सिखाता है है ना? जीसस का बचपन भी ऐसा ही रहा होगा। लेकिन एक बात जो उन्हें खास बनाती थी वो थी उनकी समझ। कहते हैं कि 12 साल की उम्र में वो मंदिर में बड़े-बड़े विद्वानों से बात कर रहे थे और सब उनकी बातों से हैरान थे। अब आप ही बताओ 12 साल की उम्र में हम क्या करते थे? मैं तो बस खेलने और दोस्तों के साथ मस्ती करने में लगा रहता था। लेकिन जीसस उस उम्र में लोगों को हैरान कर रहे थे। ये सोचकर ही मन में सवाल उठता है कि उनमें ऐसा क्या था जो उन्हें इतना अलग बनाता था।
जीसस की शिक्षाएं: प्यार और क्षमा का संदेश
अब बात करते हैं जीसस की शिक्षाओं की जो मुझे सबसे ज्यादा पसंद हैं। जब वो बड़े हुए तो उन्होंने लोगों को सिखाना शुरू किया। उनकी बातें इतनी आसान थीं कि हर कोई समझ सकता था। एक बार उन्होंने कहा “अपने पड़ोसी से वैसे ही प्यार करो जैसे तुम खुद से करते हो। ये सुनने में कितना अच्छा लगता है है ना? मैंने सोचा कि अगर हम सब ऐसा करें तो दुनिया कितनी अच्छी हो जाए।
पिछले हफ्ते मेरे साथ कुछ ऐसा हुआ कि मुझे उनकी ये बात याद आ गई। मेरा एक दोस्त मुझसे नाराज़ हो गया था। उसने मुझसे कुछ ऐसा कहा जो मुझे अच्छा नहीं लगा। पहले तो मुझे गुस्सा आया लेकिन फिर मैंने सोचा कि जीसस होते तो क्या करते? शायद वो उसे माफ कर देते। तो मैंने भी कोशिश की और उसे माफ कर दिया। सच बताऊँ, मन हल्का हो गया।
एक और बात जो मुझे अच्छी लगी वो थी क्षमा की। जीसस कहते थे “अगर कोई तुम्हें गलत करे तो उसे माफ कर दो। ये करना आसान नहीं है मैं जानता हूँ। लेकिन उनकी ये बात आज भी सच लगती है। एक बार उन्होंने कहा था “अगर कोई तुम्हारे एक गाल पर थप्पड़ मारे तो दूसरा गाल आगे कर दो। अब आप सोच रहे होंगे कि ये तो बहुत मुश्किल है। हाँ है भी। लेकिन इसका मतलब ये है कि हमें गुस्से और नफरत से ऊपर उठना चाहिए। मैंने इसे अपनी जिंदगी में आज़माया, और सच में फर्क पड़ता है।
जीसस के चमत्कार: जो देखकर आँखें खुली रह जाएँ
अब आते हैं जीसस के चमत्कारों पर। ये वो हिस्सा है जो मुझे सबसे ज्यादा हैरान करता है। कहते हैं कि जीसस ने ऐसे-ऐसे काम किए जो आम इंसान के बस की बात नहीं। एक बार वो किसी शादी में गए। वहाँ शराब खत्म हो गई थी। अब सोचिए शादी में शराब खत्म हो जाए तो कितनी शर्मिंदगी होती है। लेकिन जीसस ने क्या किया? उन्होंने पानी को शराब में बदल दिया। हाँ सच में! मैं जब ये पढ़ रहा था तो सोच रहा था कि ये कैसे हो सकता है। लेकिन फिर मुझे लगा कि शायद उनके पास कोई खास ताकत थी जो हमें समझ नहीं आती।
एक और चमत्कार मुझे बहुत पसंद है। एक बार बहुत सारे लोग जीसस की बातें सुनने आए थे। सब भूखे थे लेकिन खाना सिर्फ 5 रोटियाँ और 2 मछलियाँ थीं। अब आप ही बताओ इससे कितने लोग खा सकते हैं? लेकिन जीसस ने वो खाना ऐसा बाँटा कि 5000 लोगों का पेट भर गया। ये सुनकर मुझे अपनी माँ याद आ गई। वो भी कम खाने से सबके लिए कुछ न कुछ बना देती हैं। लेकिन जीसस तो उससे भी कई कदम आगे थे।
इन चमत्कारों को सुनकर मुझे लगता है कि जीसस सिर्फ एक इंसान नहीं थे। उनके अंदर कुछ खास था। क्या आपको भी ऐसा लगता है? या फिर आप सोचते हैं कि ये बस कहानियाँ हैं? मुझे अपनी राय ज़रूर बताना।
जीसस की मुश्किलें: सूली की सच्चाई
जीसस की जिंदगी में सब कुछ आसान नहीं था। उनकी बातें कुछ लोगों को पसंद नहीं आईं। उस समय के धार्मिक नेता और रोमन अधिकारी उनसे नाराज़ हो गए। उन्हें लगा कि जीसस लोगों को गलत रास्ते पर ले जा रहे हैं। लेकिन सच तो ये था कि जीसस बस सच बोल रहे थे।
आखिर में उन्हें सूली पर चढ़ा दिया गया। ये सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ। सोचिए जिसने इतना प्यार बाँटा उसके साथ ऐसा हुआ। कहते हैं कि वो 30-33 साल की उम्र में सूली पर चढ़ाए गए। उस समय रोमन लोग ऐसा सजा देते थे। मैं जब ये सोचता हूँ तो लगता है कि दुनिया में अच्छे लोगों के साथ अक्सर ऐसा ही होता है। लेकिन जीसस की कहानी यहीं खत्म नहीं होती।
ईस्टर का सच: जीसस का दोबारा जी उठना
जीसस की मृत्यु के बाद जो हुआ वो उनकी कहानी का सबसे बड़ा हिस्सा है। कहते हैं कि वो तीसरे दिन फिर से जी उठे। इसे “पुनरुत्थान” कहते हैं। यही वजह है कि हर साल ईस्टर मनाया जाता है। 2025 में ईस्टर 20 अप्रैल को होगा। लोग इस दिन को बहुत खुशी से मनाते हैं क्योंकि ये उम्मीद की बात है।
मुझे ईस्टर का ये विचार बहुत अच्छा लगता है। ये बताता है कि मुश्किल वक्त के बाद भी अच्छा हो सकता है। पिछले साल मैंने अपने एक दोस्त के साथ ईस्टर मनाया था। हमने चर्च में मोमबत्तियाँ जलाईं और जीसस की कहानी सुनी। उस दिन मुझे लगा कि उनकी जिंदगी हमें कुछ न कुछ सिखाती है।
जीसस का असर: आज भी ज़िंदा
आज 2000 साल बाद भी जीसस क्राइस्ट का नाम हर जगह है। लोग उनकी बातें मानते हैं उनके चमत्कारों पर यकीन करते हैं। भारत में भी बहुत सारे लोग उनके बारे में जानना चाहते हैं। मुझे लगता है कि उनकी शिक्षाएँ आज भी हमारी मदद कर सकती हैं। माफ करना प्यार करना और सच्चाई पर चलना ये सब आज भी उतना ही ज़रूरी है। https://hindi.webdunia.com/christmas-special/story-of-jesus-christ-120122400027_1.html
मैं जब ये सब लिख रहा था तो सोच रहा था कि अगर मैं जीसस से मिलता तो उनसे क्या पूछता। शायद मैं पूछता कि वो इतने मुश्किल हालात में भी हिम्मत कैसे रखते थे। आप क्या पूछते? मुझे बताना मत भूलना।
FAQs: जीसस से जुड़े कुछ सवाल
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जीसस क्राइस्ट सच में थे या ये बस कहानी है?
मुझे भी पहले ऐसा ही सवाल हुआ था। कुछ लोग कहते हैं कि ये बस कहानियाँ हैं। लेकिन बाइबिल के अलावा भी कुछ पुराने लेखकों ने उनके बारे में लिखा है, जैसे टैसिटस और जोसेफस। तो शायद वो सच में थे। आप क्या सोचते हैं?
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जीसस की शिक्षाएँ आज कैसे मदद करती हैं?
उनकी बातें जैसे प्यार और माफी हमें रिश्ते सुधारने में मदद करती हैं। मैंने खुद आज़माया है, और सच में फर्क पड़ता है।https://ashok79.com/biography-of-mukesh-ambani/
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ईस्टर क्यों मनाते हैं?
ईस्टर जीसस के दोबारा जी उठने की खुशी में मनाया जाता है। ये उम्मीद का त्योहार है।
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जीसस के चमत्कार सच थे?
ये यकीन की बात है। कुछ लोग मानते हैं, कुछ नहीं। मुझे लगता है कि उनकी कहानी में कुछ खास था, जो इतने सालों तक याद रखा गया।
आपकी बारी
दोस्तों ये थी जीसस क्राइस्ट की कहानी। मुझे इसे लिखते हुए बहुत मज़ा आया। आपको कैसा लगा? क्या आपको उनकी कोई बात छू गई? या फिर कोई सवाल है जो आप मुझसे पूछना चाहते हैं? नीचे कमेंट में ज़रूर बताना। मैं आपकी बात का जवाब देने की कोशिश करूँगा। अगर आपको ये पसंद आया तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करना मत भूलना। चलो फिर मिलते हैं किसी नई कहानी के साथ। तब तक के लिए खुद को खुश रखो और दूसरों से प्यार करो जीसस भी यही कहते थे!