किन्नरों को पैसा देना उचित है या नहीं? एक सच्चाई जो आपको जाननी चाहिए

क्या आपने कभी किसी शादी या नए घर में प्रवेश के समय किन्नरों को आशीर्वाद देते देखा है? या फिर ट्रैफिक सिग्नल पर उन्हें पैसे मांगते हुए? तब आपके मन में यह सवाल ज़रूर आया होगा: “किन्नरों को पैसा देना उचित है या नहीं? आप अकेले नहीं हैं। यह सवाल हर दिन हज़ारों लोग गूगल पर पूछते हैं। कुछ लोग देना चाहते हैं पर संकोच करते हैं, कुछ दबाव में दे देते हैं, तो कुछ सोचते हैं कि क्या यह सही है? आइए, इस बारे में खुलकर और आसान भाषा में बात करते हैं।

किन्नर कौन होते हैं? समझिए पहले

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किन्नर (या ट्रांसजेंडर व्यक्ति) वे लोग होते हैं जिनका जन्म के समय बताया गया लिंग (मसलन लड़का या लड़की) उनकी असली पहचान से मेल नहीं खाता। सीधे शब्दों में कहें तो, एक व्यक्ति का शरीर पुरुष जैसा हो सकता है, पर मन से वह खुद को स्त्री समझता है, या इसका उल्टा। यह कोई बीमारी नहीं, बल्कि एक स्वाभाविक पहचान है।

क्यों मांगते हैं किन्नर पैसा? जानिए मजबूरी

  • भेदभाव की दीवार:सच्चाई यह है कि हमारे समाज में किन्नरों के साथ बहुत भेदभाव होता है। उन्हें अक्सर स्कूल में पढ़ने, अच्छी नौकरी पाने, घर किराए पर लेने या अस्पताल में इलाज कराने में भी बड़ी मुश्किलें आती हैं। बहुत सारे परिवार उन्हें घर से निकाल देते हैं।
  • रोज़गार के सीमित रास्ते:इन सब वजहों से, किन्नरों के पास पैसे कमाने के बहुत कम विकल्प बचते हैं। परंपरागत रूप से, वे शुभ अवसरों (जैसे शादी, बच्चे का जन्म) पर आशीर्वाद देकर या फिर भीख मांगकर अपना गुज़ारा करते हैं। यह उनकी मजबूरी होती है, न कि पसंद।

पैसा देना चाहिए या नहीं? दोनों पहलू समझिए

पैसा देने की वजहें (क्यों कुछ लोग देते हैं):

  1. तुरंत मदद:जब आप किसी किन्नर को पैसा देते हैं, तो यह उसकी उसी वक़्त की ज़रूरत जैसे खाना, दवाई या किराया पूरा करने में मदद कर सकता है।
  2. सहानुभूति:कई लोग उनकी मुश्किल ज़िंदगी देखकर दुखी होते हैं और मदद करना चाहते हैं।
  3. परंपरा का चलन:कुछ लोग शुभ मौकों पर किन्नरों को दान देना एक पुरानी परंपरा मानते हैं और उनका आशीर्वाद लेते हैं।

पैसा न देने की वजहें (क्यों कुछ लोग नहीं देते):

  1. पुरानी सोच को बढ़ावा:कुछ लोगों का मानना है कि पैसा देकर हम उस पुरानी सोच को मजबूत कर रहे हैं जो किन्नरों को सिर्फ “भीख मांगने वाले” या “आशीर्वाद देने वाले” के रूप में देखती है। यह उनकी असली काबिलियत को छुपा देता है।
  2. दबाव या डर का एहसास:कभी-कभी किन्नरों के समूह ज़ोर-ज़बरदस्ती से पैसा मांग सकते हैं, जिससे लोग डर जाते हैं या असहज महसूस करते हैं। यह गलत है और ऐसा नहीं होना चाहिए।
  3. आत्मनिर्भरता में रुकावट?:कुछ लोग सोचते हैं कि आसानी से पैसा मिलने से किन्नरों को नौकरी या काम सीखने के लिए प्रेरित होने में दिक्कत हो सकती है (हालांकि यह पूरी तरह सही नहीं, क्योंकि उनके सामने बहुत बड़ी बाधाएं होती हैं)।

सिर्फ पैसा देना ही काफी नहीं है: सोचिए कुछ बड़ा

किन्नरों को पैसा देना उचित है या नहीं – इसका सीधा जवाब ‘हां’ या ‘ना’ में देना मुश्किल है। पर एक बात साफ़ है: सिर्फ पैसा दे देने से किन्नरों की असली समस्याएं हल नहीं होतीं। यह तात्कालिक मदद ज़रूर हो सकती है, लेकिन यह कोई स्थायी हल नहीं बनाती। https://ashok79.com/kinner-paise-mangte-hain-to-kya-karen/

तो फिर क्या है बेहतर तरीका? करें ये काम

अगर आप वाकई किन्नर समुदाय की मदद करना चाहते हैं और बदलाव लाना चाहते हैं, तो सिर्फ पैसा देने से ज़्यादा असरदार कदम ये हैं:

  1. पहला और सबसे ज़रूरी: सम्मान दें:जब भी किसी किन्नर से मिलें, उनसे वैसे ही प्यार और आदर से बात करें जैसे किसी और से करते हैं। उन्हें घूरें नहीं, उनका मज़ाक न उड़ाएं। “हिजड़ा” जैसे शब्दों का इस्तेमाल बिल्कुल न करें। बस एक साधारण “नमस्ते” या “हैलो” कहना बहुत बड़ा फर्क पैदा कर सकता है।
  2. समान अवसर के पक्षधर बनें:किन्नर भी हमारी तरह इंसान हैं। उन्हें भी हर तरह की नौकरी, बिज़नेस शुरू करने या पढ़ाई करने का बराबर हक है। अगर आप किसी कंपनी में काम करते हैं या खुद का कारोबार है, तो उन्हें काम पर रखने के बारे में सोचें। उनकी काबिलियत को मौका दें।
  3. शिक्षा की ताकत को समझें:पढ़ाई ही वह हथियार है जो किसी की ज़िंदगी बदल सकती है। उन संस्थाओं (एनजीओ) को सपोर्ट करें जो किन्नर बच्चों और बड़ों को पढ़ाने का काम कर रही हैं।
  4. हुनर सीखने में मदद करें:बहुत सी संस्थाएं किन्नरों को अलग-अलग हुनर सिखाती हैं, जैसे कंप्यूटर चलाना, ब्यूटीशियन का काम, सिलाई-कढ़ाई, कैटरिंग, आदि। इन संस्थाओं को दान देकर या उनके बारे में लोगों को बताकर आप मदद कर सकते हैं।
  5. सीधे संस्था को दान दें (ज़िम्मेदारी से मदद):अगर आप पैसे से मदद करना चाहते हैं, तो सड़क पर किसी को पैसे देने के बजाय, उन विश्वसनीय संस्थाओं को दान दें जो किन्नरों के लिए काम कर रही हैं। इससे पैसा सही जगह पहुंचेगा और लंबे समय तक फायदा देगा। कुछ अच्छी संस्थाओं में सचिवालय, नाज फाउंडेशन, दीक्षा ट्रांसजेंडर समन्वय समिति आदि शामिल हैं (आप गूगल पर “किन्नरों के लिए काम करने वाली संस्थाएं” सर्च कर सकते हैं)।
  6. आवाज़ उठाएं:अगर आप देखते हैं कि किसी किन्नर के साथ गलत व्यवहार हो रहा है, उन्हें नौकरी नहीं दी जा रही, या उनके अधिकारों का हनन हो रहा है, तो चुप न रहें। उनका साथ दें। सोशल मीडिया पर उनकी बात फैलाएं।

असली सवाल क्या है?

सवाल सिर्फ यह नहीं की किन्नरों को पैसा देना उचित है या नहीं नहीं है। असली सवाल यह है: “हम कैसे एक ऐसा समाज बना सकते हैं जहां किन्नरों को भीख मांगने की ज़रूरत ही न पड़े?

किन्नर भी कामयाब हो सकते हैं! जानिए कुछ उम्दा उदाहरण

यह सोचना गलत है कि किन्नर सिर्फ भीख ही मांग सकते हैं। बहुत से किन्नर अपनी मेहनत और हुनर से बुलंदियों तक पहुंचे हैं:

  • मानवी बंदोपाध्याय:भारत की पहली किन्नर कॉलेज प्रिंसिपल बनीं।
  • गौरी सावंत:मशहूर डॉक्टर और सामाजिक कार्यकर्ता।
  • लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी:डांसर, एक्ट्रेस और एलजीबीटीक्यू+ अधिकारों के लिए आवाज़ उठाने वाली।
  • शबनम मौसी:मध्य प्रदेश की पहली किन्नर नेता (नगर पंचायत अध्यक्ष) बनीं।

ये उदाहरण साबित करते हैं कि मौका और समर्थन मिलने पर किन्नर समुदाय के लोग भी किसी से कम नहीं हैं।

अगली बार किसी किन्नर से मिलें तो क्या करें?

  1. सम्मान से बात करें:पहले की तरह ही “नमस्ते” या “हैलो” कहें।
  2. पूछें (अगर मौका हो):उनका नाम पूछें। उनसे उनके बारे में, उनके सपनों के बारे में बात करने की कोशिश करें (अगर वे बात करना चाहें तो)। उन्हें सिर्फ उनकी पहचान के लिए न जानें।
  3. अगर देना ही चाहते हैं तो:अगर आप किसी शुभ मौके पर या किसी वजह से पैसा देना ही चाहते हैं, तो विनम्रता से दें। जबरदस्ती या डर के कारण न दें।
  4. ज़िम्मेदारी से मदद के बारे में बताएं:अगर मौका मिले, तो उन्हें उन संस्थाओं के बारे में बता सकते हैं जो शिक्षा या रोज़गार में मदद करती हैं। उन्हें प्रोत्साहित करें। https://hindi.news18.com/news/dharm/never-donate-these-things-to-transgender-this-will-destroy-your-economic-situation-know-what-astrologer-said-8233408.html

निष्कर्ष: उचित है या नहीं? जान लें सच्चाई

किन्नरों को पैसा देना उचित है या नहीं? इस सवाल का जवाब आपके इरादे और तरीके पर निर्भर करता है।

  • अगर आप सिर्फ दबाव में या डरकर दे रहे हैं:तो यह शायद सबसे अच्छा तरीका नहीं है।
  • अगर आप तुरंत, छोटी मदद के तौर पर दे रहे हैं, और साथ ही उनका सम्मान कर रहे हैं:तो यह एक इंसानियत भरा कदम हो सकता है।
  • लेकिन अगर आप असली बदलाव चाहते हैं:तो सबसे उचित तरीका है सम्मान देना, समानता का व्यवहार करना, और उन संस्थाओं को सपोर्ट करना जो किन्नरों को पढ़ाने, हुनर सिखाने और नौकरी दिलाने का काम कर रही हैं।

याद रखिए, किन्नरों को हमारी सहानुभूति या भीख नहीं चाहिए। उन्हें चाहिए समानता, सम्मान, और अपने पैरों पर खड़े होने का मौका। जिस दिन हम उन्हें वह मौका देने लगेंगे, उस दिन “किन्नरों को पैसा देना उचित है या नहीं” जैसा सवाल ही नहीं रहेगा। आइए, उस दिन को लाने में सभी मिलकर मदद करें।

क्या आपने कभी किसी किन्नर की कामयाबी की कहानी सुनी है? या फिर किन्नरों की मदद करने का कोई अच्छा तरीका जानते हैं? नीचे कमेंट में हम सबके साथ ज़रूर शेयर करें! हम सब मिलकर ही एक बेहतर समाज बना सकते हैं।

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