महाकुंभ भगदड़ से पहले का वीडियो आया सामने: महाकुंभ 2025 के दौरान मौनी अमावस्या के दूसरे स्नान से पहले भगदड़ की एक दुखद घटना सामने आई है। इस हादसे से पहले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में मेला क्षेत्र के कमिश्नर विजय विश्वास पंत देर रात माइक लेकर श्रद्धालुओं से अपील करते नजर आ रहे हैं। वह लोगों से बार-बार कह रहे थे कि जल्द से जल्द स्नान करके सुरक्षित स्थान पर चले जाएं, क्योंकि भीड़ बढ़ने से भगदड़ की आशंका है।
कमिश्नर विजय विश्वास क्या बोले
वीडियो में कमिश्नर विजय विश्वास पंत यह कहते हुए सुने जा सकते हैं “सभी श्रद्धालु ध्यान दें, यहां लेटे रहने से कोई फायदा नहीं है। जो सोवत है सो खोवत है। उठिए और स्नान कर लीजिए। यह आपके सुरक्षित रहने के लिए बेहद जरूरी है। जल्द ही यहां भारी संख्या में लोग आएंगे, जिससे भगदड़ मचने की संभावना है।” उन्होंने श्रद्धालुओं से करबद्ध निवेदन करते हुए कहा कि जो पहले आए हैं उन्हें सबसे पहले स्नान कर लेना चाहिए ताकि वे सुरक्षित रह सकें।
वीडियो मे देख सकते है कमिश्नर विजय विश्वास किया बोले
कमिश्नर की इस अपील के बावजूद कई श्रद्धालु संगम किनारे सोते रहे और स्नान के लिए नहीं उठे। इसी बीच रात करीब एक बजे बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ पहुंच गई। भीड़ का दबाव बढ़ते ही भगदड़ मच गई। बताया जा रहा है कि इस घटना में 17 लोगों की मौत हो गई है जबकि 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं। हालांकि प्रशासन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक आंकड़ा जारी नहीं किया गया है।
सूत्रों के अनुसार संगम के नोज क्षेत्र में भारी संख्या में लोग सो रहे थे। जब अचानक भीड़ बढ़ी तो स्थिति बेकाबू हो गई और भगदड़ मच गई। घटना के बाद पुलिस और प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की। घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पतालों में पहुंचाया गया। फिलहाल घटनास्थल पर हालात सामान्य बताए जा रहे हैं और श्रद्धालुओं ने स्नान शुरू कर दिया है। सुबह नौ बजे तक महाकुंभ में तीन करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई।
इस हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद हालात पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने प्रशासन को घायलों के इलाज में कोई कोताही न बरतने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि आगे ऐसी घटनाएं न हों और सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाए।
श्रद्धालुओं ने प्रशासन की ओर से की गई व्यवस्था की सराहना भी की है लेकिन इस घटना ने सुरक्षा प्रबंधों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में लोगों के आने की संभावना को ध्यान में रखते हुए मेला क्षेत्र में और बेहतर सुरक्षा प्रबंध किए जाने चाहिए थे।

मेला क्षेत्र में सुरक्षा के लिए जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे और पुलिस बल भी तैनात था। इसके बावजूद इतनी बड़ी घटना का होना प्रशासनिक चूक को दर्शाता है। श्रद्धालुओं का कहना है कि प्रशासन की अपील के बावजूद लोग संगम क्षेत्र में रुकने पर अड़े रहे, जिसके कारण यह हादसा हुआ।
इस घटना से एक महत्वपूर्ण सबक मिलता है कि धार्मिक आयोजनों के दौरान सुरक्षा और प्रबंधन में किसी भी तरह की चूक नहीं होनी चाहिए। प्रशासन को चाहिए कि वह भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए और श्रद्धालुओं को सुरक्षित माहौल प्रदान करे। https://www.abplive.com/states/up-uk/watch-maha-kumbh-stampede-new-commissioner-video-before-the-stampede-goes-viral-2872937
महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन में श्रद्धालुओं की सुरक्षा सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए। प्रशासन को चाहिए कि वह बेहतर योजना बनाकर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी उपाय करें। साथ ही श्रद्धालुओं को भी प्रशासन के निर्देशों का पालन करना चाहिए ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके। https://ashok79.com/?post_type=web-story&p=1082