ममता कुलकर्णी ने लिया सन्यास: 90 दशक की मशहूर बॉलीवुड एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी ने अब संन्यास की राह पकड़ ली है। उन्होंने सुक्रवार को प्रयागराज मे संगम तट पर पिंडदान किया। महाकुंभ 2025 में पवित्र संगम पर पिंडदान करने के बाद उन्हें किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर की उपाधि दी गई। और इस दीक्षा के बाद ममता कुलकर्णी का नया नाम श्री यामाई ममता नंद गिरि रखा गया है।
53 साल की ममता कुलकर्णी आज सुबह ही प्रयागराज महाकुंभ मे किन्नर अखाड़े पहुची थी। फिर उन्होंने किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी से मुलाकात की और उनका आशीर्वाद लिया। दोनों के बीच करीब एक घंटे तक महामंडलेश्वर बनने पर चर्चा हुई इसके बाद किन्नर अखाड़े ने उन्हे महामंडलेश्वर की पदवी देने का ऐलान किया

संन्यास और पट्टाभिषेक का खास मौका
ममता का पट्टाभिषेक पूरे वैदिक रीति-रिवाजों के साथ किया गया है। इसी दौरान उन्हें दूध से स्नान भी कराया गया और हल्दी-सिंदूर से उनका तिलक भी किया गया है। पट्टाभिषेक के दौरान ममता कुलकर्णी भावुक हो गईं और उन्होंने बताया कि मैंने 23 साल से फिल्मी दुनिया से दूरी बना ली थी और इस दौरान वह आध्यात्मिक यात्रा पर थीं। एक दिन उनके साथ कुछ ऐसा अनुभव हुआ जिसने उन्हें सनातन धर्म के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित कर दिया। और आज उन्होंने संन्यास ले लिया है
ममता ने मोह-माया को किया त्याग
ममता कुलकर्णी ने बताया कि उनकी आस्था उन्हें आध्यात्मिक जीवन की ओर खींच लाई है। इसी दौरान उन्होंने अपने परिवार और खुद का संगम में पिंडदान किया है और मोह-माया रिस्तेदार सभी को त्याग दिया। किन्नर अखाड़े के साथ जुड़कर अब वह धर्म के मार्ग पर ही आगे बढ़ना चाहती हैं। और अपनी एक नई पहचान बनाना चाहती हैं।

बॉलीवुड में वापसी पर दी सफाई
महामंडलेश्वर बनने के बाद ममता कुलकर्णी ने साफ कहे दिया कि अब मेरा बॉलीवूड से कोई नाता नहीं है उसको तो मै ने कब का छोड़ दिया है अब मै कभी भी बॉलीवूड में वापसी नहीं करूंगी। उन्होंने यह भी बताया कि यह मेरा खुद से से लिया गया फैसला है अब मै दोबारा कभी बापसी नहीं करूंगी और मै पूरी तरह से धर्म और सेवा के रास्ते पर समर्पित रहूँगी। इससे मुझे एक अलग ही खुशी मिलती है।
किन्नर अखाड़े से जुड़ाव
दोस्तों हम आपको बता दे जीस अखाड़े से ममता कुलकर्णी महामंडलेश्वर बनी हैं उस अखाड़े की स्थापना साल 2015 में किन्नरों के लीडर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने की थी। और यह धार्मिक रूप से किन्नर समुदाय को समर्पित है। महामंडलेश्वर के रूप में ममता कुलकर्णी का चयन इस अखाड़े से किया गया है यह इस अखाड़े के लिये एक ऐतिहासिक और अहम कदम है। ममता कुलकर्णी का यह नया रूप और आध्यात्मिक सफर उनकी नई पहचान को दर्शाता है। दोस्तों हम आपको बता दे की इस अखाड़े मे शामिल होने के लिये किन्नर होना जरूरी नहीं है

ममता कुलकर्णी ने कहा यह मेरे लिये याद गार पल है
ममता कुलकर्णी ने बताया की महाकुंभ मे आना और यहाँ की भव्यता को देखना यह मेरे लिये भूतह ही यादगार पल रहेगा। उन्होंने कहा यह मेरा सौभाग्य है की इस पवित्र महाकुंभ मे मै भी साक्षी बन रही हूँ और माहान संतों का आशीर्वाद ले रही हूँ। यह मेरे लिये बहुत ही सौभाग्य और यादगार की बात है। https://www.bhaskar.com/mahakumbh/news/mamta-kulkarni-mahakumbh-2025-mahamandaleshwar-kinnar-akhada-134350178.html
ममता कुलकर्णी की महामंडलेश्वर बनने की प्रक्रय
प्रयागराज मे किन्नर अखाड़े की ओर से महामंडलेश्वर बनने की घोषणा के बाद ममता कुलकर्णी ने गंगा यूमन सरस्वती की त्रिवेणी मे संगम स्नान किया और अपना पिंडदान किया इसके बाद उन्होंने भगवा वस्त्र धारण किये और उनको दूध से स्नान कराया इस दौरान उन की आँखों मे आँसू थे मानो की वे अपने पूरने जीवन को हमेशा के लिये विदा कर रही हों। https://ashok79.com/sky-force-day-2-box-office-trends/