पीएम विश्वकर्मा योजना 18 कैटेगरी लिस्ट: दोस्तों आज हम बात करेंगे पीएम विश्वकर्मा योजना के बारे मे। यह योजना भारत सरकार की एक अनूठी पहल है जो देश के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को नई ऊर्जा और संसाधन प्रदान करने के लिए शुरू की गई है। इस योजना के तहत 18 विभिन्न श्रेणियों को कवर किया गया है, जिनमें लोहार, सुनार, मोची, बढ़ई, कुम्हार, राजमिस्त्री, नाई, धोबी, चर्मकार, सुतार, तेली, माली, खाती, कंघी बनाने वाले, बुनकर, पटवा, कलाल और ठठेरा जैसे पारंपरिक व्यवसाय शामिल हैं। यह योजना इन कारीगरों को आर्थिक सहायता आधुनिक उपकरण और प्रशिक्षण प्रदान करके उनके कौशल को निखारने और आय बढ़ाने का अवसर देती है। अगर आप भी इन पारंपरिक व्यवसायों से जुड़े हैं या इस योजना के बारे में अधिक जानना चाहते हैं तो यह ब्लॉग आपके लिए ही है! आइए, विस्तार से जानते हैं कि पीएम विश्वकर्मा योजना कैसे लाखों कारीगरों के जीवन में बदलाव ला रही है।
आज हम आपको इस ब्लॉग मे बताएंगे की आप इस योजना का लाभ कैसे ले सकते हैं और यह योजना क्या है? इसके आवेदन के लिये कौन कौन से दस्तावेज जरूरी है, और अन्य जानकारी दी जायगी जिसे आप बड़ी आसनी से इस लेख के माध्यम से समझ सकते हैं।

पीएम विश्वकर्मा योजना 2025: 18 नई श्रेणियों के तहत कैसे मिलेगा फायदा?
पीएम विश्वकर्मा योजना 2025 भारत सरकार की एक बड़ी योजना है, जिसका मकसद देश के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक और तकनीकी मदद देना है। इस योजना के तहत 18 अलग-अलग श्रेणियों को शामिल किया गया है जिनमें सभी पात्र कारीगरों को मदद मिलेगी
वित्तीय सहायता: इस योजना के तहत कारीगरों को वित्तीय सहायता और बैंक से लोन मिलेगा जिससे वे अपने काम के लिए नए और आधुनिक उपकरण खरीद सकेंगे।
प्रशिक्षण: इस योजना के तहत कारीगरों को सस्ते दरों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि उनके कौशल को और बेहतर बनाया जा सके।
बाजार तक पहुंच: इस योजना के तहत कारीगरों को उनकी आय बढ़ाने में मदद मिलेगी क्योंकि उन्हें बाजार से जोड़ने और उनके उत्पादों की मार्केटिंग करने में सहायता दी जाएगी।
कैसे मिलेगा फायदा?
- कारीगरों को बैंक लोन और सरकारी सहायता का फायदा मिलेगा।
- उन्हें अपने हुनर को सुधारने के लिए प्रशिक्षण और कार्यशालाएँ मिलेंगी।
- इन कारीगरों को अपनी पहचान बनाने और बड़े बाजार में पहुंचने का अवसर मिलेगा।
पीएम विश्वकर्मा योजना की 18 श्रेणियां और इसकी आवेदन प्रक्रिया
हम आपको बता दे यह योजना 18 श्रेणियों के कारीगरों को कवर करती है जो इस प्रकार है
- लोहार (Iron Smith)
- सुनार (Goldsmith)
- कुम्हार (Potter)
- बढ़ई (Carpenter)
- मूर्तिकार (Sculptor)
- रंगसाज (Painter)
- चर्मकार (Leather Worker)
- बुनकर (Weaver)
- कढ़ाईकार (Embroiderer)
- बांस कारीगर (Bamboo Artisan)
- रस्सी बनाने वाले (Rope Maker)
- पत्थर काटने वाले (Stone Carver)
- कांच कारीगर (Glass Artisan)
- धातु कारीगर (Metal Artisan)
- कपड़ा छपाई वाले (Textile Printer)
- चटाई बनाने वाले (Mat Weaver)
- सीप कारीगर (Shell Artisan)
- कागज कारीगर (Paper Artisan)
अगर आप भी इन श्रेणियों मे से आते है तो आपको भी इस योजना का लाभ मिल सकता है लेकिन आपको यह ध्यान देना होगा की इसकी शर्ते पूरी करते हैं या नहीं
आवेदन कैसे करें?
पीएम विश्वकर्मा योजना में आवेदन करने की प्रक्रिया काफी सरल है। जिसे आप बड़ी आसानी से कर सकते हैं। इसका आवेदन करने के लिये नीचे दिए गए चरणों को फॉलो करें
- ऑनलाइन पोर्टल पर जाएं
सबसे पहले आप इस योजना की आधिकारिक वेबसाइट pmvishwakarma.gov.in पर जाना होगा । - रजिस्ट्रेशन करें
रजिस्ट्रेशन पर क्लिक करने के बाद आपको होमपेज पर “रजिस्ट्रेशन” या “नया आवेदन” का विकल्प दिखेगा। उस पर क्लिक करें। यदि आपने रजिस्ट्रेशन नहीं किया है तो सबसे पहले आप रजिस्ट्रेशन करे उसके बाद आवेदन करे - फॉर्म भरें
आवेदन फॉर्म में अपनी व्यक्तिगत जानकारी, जैसे नाम, पता, मोबाइल नंबर, आधार नंबर, और अपनी कारीगरी से संबंधित विवरण भरें। - श्रेणी चुनें
फॉर्म में 18 श्रेणियों में से अपनी कारीगरी की श्रेणी चुनें। उदाहरण के लिए, यदि आप लोहार हैं, तो “लोहार” का विकल्प चुनें। - दस्तावेज़ अपलोड करें
आप अपने आवश्यक दस्तावेज़, जैसे आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण, और कारीगरी से संबंधित प्रमाण पत्र, अपलोड करें। - आवेदन जमा करें
सभी जानकारी भरने और दस्तावेज़ अपलोड करने के बाद, फॉर्म को सबमिट कर दें। ध्यान दे की सबमिट पर क्लिक करने से पहले चेक कर ले की सभी जानकारी ठीक से भरी है - आवेदन स्थिति की जांच करें
आप अपना आवेदन जमा करने के बाद आप अपने आवेदन की स्थिति ऑनलाइन ट्रैक कर सकते हैं।
महत्वपूर्ण बातें
- आवेदन करने के लिए आपका आधार कार्ड और बैंक खाता लिंक होना जरूरी है।
- योजना का लाभ केवल पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को ही मिलेगा।
- आवेदन करने से पहले सभी दस्तावेज़ तैयार रखें।
यदि आप भी पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत आवेदन करना चाहते हैं तो ऊपर दी गई जानकारी को ध्यान से पढ़ें और आवेदन प्रक्रिया को फॉलो करें। यह योजना पारंपरिक कारीगरों के जीवन में सुधार लाने के लिए एक बेहतरीन मौका है।
पीएम विश्वकर्मा योजना 2025: 18 श्रेणियां और हर श्रेणी के लिए खास लाभ
पीएम विश्वकर्मा योजना भारत सरकार की तरफ से चलाई गई एक बड़ी पहल योजना है इस योजना मे 18 श्रेणियां के सभी लोगों को अलग अलग लाभ दिया जाता है आइये हम आपको बताते हैं की किस को कौन सा लाभ मिलेगा
18 श्रेणियां और उनके लाभ
- लोहार (Iron Smith)
- लाभ:लोहारों को आधुनिक उपकरण खरीदने के लिए वित्तीय सहायता मिलेगी। साथ ही मे उन्हें धातु कार्य में नई तकनीक सीखने का मौका मिलेगा।
- सुनार (Goldsmith)
- लाभ:सुनारों को गहने बनाने के लिए नए टूल्स और मशीनें मिलेंगी। उन्हें डिजाइनिंग और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
- कुम्हार (Potter)
- लाभ:कुम्हारों को मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए नई तकनीक और उपकरण मिलेंगे। उनके उत्पादों को बाजार में बेचने में भी मदद मिलेगी।
- बढ़ई (Carpenter)
- लाभ:बढ़ई को लकड़ी के फर्नीचर बनाने के लिए आधुनिक मशीनें और प्रशिक्षण मिलेगा। इससे उनकी कार्यक्षमता बढ़ेगी।
- मूर्तिकार (Sculptor)
- लाभ:मूर्तिकारों को पत्थर और धातु की मूर्तियां बनाने के लिए नए टूल्स और डिजाइनिंग स्किल्स सिखाए जाएंगे।
- रंगसाज (Painter)
- लाभ:रंगसाजों को आधुनिक पेंटिंग टेक्नीक और उपकरण मिलेंगे। उन्हें अपनी कला को बेहतर बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- चर्मकार (Leather Worker)
- लाभ:चर्मकारों को चमड़े के सामान बनाने के लिए नए टूल्स और डिजाइनिंग स्किल्स सिखाए जाएंगे।
- बुनकर (Weaver)
- लाभ:बुनकरों को हथकरघा और नए डिजाइन सीखने का मौका मिलेगा। उनके कपड़ों को बाजार में बेचने में मदद मिलेगी।
- कढ़ाईकार (Embroiderer)
- लाभ:कढ़ाईकारों को नए डिजाइन और तकनीक सिखाई जाएंगी। उन्हें कढ़ाई के लिए आधुनिक उपकरण भी मिलेंगे।
- बांस कारीगर (Bamboo Artisan)
- लाभ:बांस कारीगरों को बांस के सामान बनाने के लिए नए टूल्स और प्रशिक्षण मिलेगा।
- रस्सी बनाने वाले (Rope Maker)
- लाभ:रस्सी बनाने वालों को नई मशीनें और तकनीक मिलेगी, जिससे उनका काम आसान होगा।
- पत्थर काटने वाले (Stone Carver)
- लाभ:पत्थर काटने वालों को आधुनिक उपकरण और डिजाइनिंग स्किल्स सिखाए जाएंगे।
- कांच कारीगर (Glass Artisan)
- लाभ:कांच कारीगरों को ग्लास डिजाइनिंग और नए उपकरण मिलेंगे।
- धातु कारीगर (Metal Artisan)
- लाभ:धातु कारीगरों को धातु के सामान बनाने के लिए नए टूल्स और प्रशिक्षण मिलेगा।
- कपड़ा छपाई वाले (Textile Printer)
- लाभ:कपड़ा छपाई करने वालों को नए डिजाइन और प्रिंटिंग तकनीक सिखाई जाएंगी।
- चटाई बनाने वाले (Mat Weaver)
- लाभ:चटाई बनाने वालों को नए डिजाइन और उपकरण मिलेंगे।
- सीप कारीगर (Shell Artisan)
- लाभ:सीप कारीगरों को सीप से सामान बनाने के लिए नए टूल्स और डिजाइन सिखाए जाएंगे।
- कागज कारीगर (Paper Artisan)
- लाभ:कागज कारीगरों को पेपर आर्ट और नए डिजाइन सिखाए जाएंगे।
यह योजना पारंपरिक कारीगरों के लिए एक सुनहरा मौका है। अगर आप या आपके परिवार का कोई सदस्य इन 18 श्रेणियों में से किसी से जुड़ा है तो इस योजना का लाभ जरूर उठाएं।
पीएम विश्वकर्मा योजना की 18 श्रेणियों में कौन-कौन से कारीगर शामिल होंगे
- लुहार (Blacksmith): लोहे के औजार, उपकरण और अन्य धातु से संबंधित वस्तुएं बनाने वाले।
- सुनार (Goldsmith): सोने-चांदी के आभूषण और धातु की कलाकृतियां बनाने वाले।
- कुम्हार (Potter): मिट्टी के बर्तन, दीये और कलात्मक वस्तुएं बनाने वाले।
- बढ़ई (Carpenter): लकड़ी के फर्नीचर, दरवाजे और अन्य वस्तुएं बनाने वाले।
- जुलाहा (Weaver): कपड़ा बुनाई का कार्य करने वाले।
- चर्मकार (Cobbler): जूते, बेल्ट और अन्य चमड़े की वस्तुएं बनाने व मरम्मत करने वाले।
- हथकरघा बुनकर (Handloom Weaver): हस्तनिर्मित कपड़े तैयार करने वाले।
- धोबी (Washerman): कपड़े धोने और प्रेस करने का कार्य करने वाले।
- राजमिस्त्री (Mason): निर्माण कार्य में दीवारें, छतें और अन्य संरचनाएं बनाने वाले।
- मूर्तिकार (Stone Sculptor): पत्थर की मूर्तियां और कलाकृतियां बनाने वाले।
- माला बनाने वाले (Bead Maker): विभिन्न प्रकार की माला और सजावटी वस्तुएं बनाने वाले।
- हस्तशिल्प कलाकार (Handicraft Artisan): विभिन्न प्रकार की हस्तनिर्मित वस्तुएं बनाने वाले।
- बुनकर (Embroidery Artisan): कपड़ों पर कढ़ाई और सजावट का कार्य करने वाले।
- खादी उद्योग कारीगर (Khadi Artisan): खादी के कपड़े बनाने वाले।
- जड़ी-बूटी उत्पादक (Herbal Product Maker): हर्बल उत्पाद तैयार करने वाले।
- चूड़ी बनाने वाले (Bangle Maker): कांच, प्लास्टिक या धातु की चूड़ियां बनाने वाले।
- नाई (Barber): बाल कटाई और सौंदर्य सेवाएं देने वाले।
- खिलौना निर्माता (Toy Maker): मिट्टी, लकड़ी और अन्य सामग्री से खिलौने बनाने वाले।

पीएम विश्वकर्मा योजना 2025 के लिए पात्रता
अगर आप भी इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं तो इन सभी बिंदुओं को ध्यान मे रखना होगा बिन्दु नीचे दिये गए हैं।
- भारतीय नागरिकता: अगर आप आवेदन करना चाहते हैं तो आपको भारतीय नागरिक होना अनिवार्य है।
- व्यवसाय का प्रमाण: कारीगर या शिल्पकार को अपने पेशे का प्रमाण देना होगा। जैसे—मौजूदा व्यापार का दस्तावेज़।
- आयु सीमा: आवेदन कर्ता की न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए।
- पारंपरिक कारीगरी: केवल उन्हीं व्यक्तियों को योजना के तहत लाभ मिलेगा जो पारंपरिक कारीगरी से जुड़े हुए हैं।
- समुदाय आधारित व्यवसाय: योजना का लाभ उन्हीं कारीगरों को मिलेगा जो छोटे स्तर पर कार्य कर रहे हैं और बड़े औद्योगिक सेटअप का हिस्सा नहीं हैं।
- आधार कार्ड: आधार कार्ड का होना अनिवार्य है।
- बैंक खाता: सक्रिय बैंक खाता होना जरूरी है ताकि वित्तीय सहायता सीधे खाते में जमा हो सके।
पीएम विश्वकर्मा योजना: 18 श्रेणियों से रोजगार और कौशल विकास कैसे मिलेगा?
यह योजना 18 अलग-अलग श्रेणियों के कारीगरों को लाभ देती है। आइए आपको बताते हैं कि यह योजना आपको रोजगार और कौशल विकास कैसे देगी।
- आधुनिक उपकरण और तकनीक
इस योजना के तहत कारीगरों को आधुनिक उपकरण और मशीनें मिलेंगी। इससे उनका काम आसान होगा और वे अधिक उत्पाद बना सकेंगे। उदाहरण के लिए, लोहारों को नए टूल्स मिलेंगे, जिससे वे बेहतर गुणवत्ता के उत्पाद बना सकेंगे। - प्रशिक्षण और कौशल विकास
कारीगरों को नई तकनीक और डिजाइन सिखाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। उदाहरण के लिए, बुनकरों को नए डिजाइन और हथकरघा तकनीक सिखाई जाएगी, जिससे वे अपने उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ा सकेंगे। - वित्तीय सहायता
योजना के तहत कारीगरों को वित्तीय सहायता मिलेगी। इस पैसे का उपयोग वे नए उपकरण खरीदने, कच्चा माल खरीदने या अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए कर सकते हैं। - बाजार तक पहुंच
कारीगरों को उनके उत्पादों को बाजार में बेचने में मदद मिलेगी। इससे उनकी आय बढ़ेगी और उन्हें नए ग्राहक मिलेंगे। उदाहरण के लिए, कुम्हारों को उनके बर्तनों को ऑनलाइन और ऑफलाइन बाजार में बेचने में मदद मिलेगी। - स्वरोजगार के अवसर
योजना के तहत कारीगरों को स्वरोजगार शुरू करने में मदद मिलेगी। उन्हें प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता मिलेगी, जिससे वे अपना खुद का कारोबार शुरू कर सकेंगे।
2025 पीएम विश्वकर्मा योजना: 18 कारीगर श्रेणियों के लिए सरकारी मदद और ट्रेनिंग
इस योजना के तहत कारीगरों को न केवल आर्थिक मदद दी जाएगी बल्कि उन्हें नई तकनीकों की ट्रेनिंग भी प्रदान की जाएगी ताकि वे बदलती बाजार की मांगों के अनुसार खुद को तैयार कर सकें।https://ashok79.com/pradhanmantri-kisan-yojna-2025/
सरकारी मदद क्या मिलेगी?
- आर्थिक सहायता:
- शुरुआती काम के लिए बिना गारंटी के ₹1 लाख तक का लोन।
- विस्तार के लिए ₹2 लाख तक का अतिरिक्त लोन।
- लोन पर बहुत कम ब्याज दर (5% सालाना)।
- उपकरणों के लिए मदद:
- कारीगरों को उनके काम के लिए आधुनिक और उन्नत उपकरण खरीदने के लिए सब्सिडी दी जाती है
- उपकरणों की मरम्मत और अपग्रेडेशन के लिए सहायता दी जाती है।
- बीमा सुविधा:
- काम के दौरान किसी दुर्घटना के लिए बीमा सुरक्षा मिलती है।
- विपणन सहायता:
- राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मेलों में हिस्सा लेने के लिए मदद मिलती है।
- उनके बनाए उत्पादों को ऑनलाइन और ऑफलाइन प्लेटफॉर्म पर बेचने में सहायता मिलती है।
ट्रेनिंग की सुविधा
सरकार कारीगरों को आधुनिक तकनीकों, डिज़ाइन और मार्केटिंग स्किल्स की ट्रेनिंग देगी ताकि उनका काम अधिक आकर्षक और गुणवत्तापूर्ण बन सके।
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कौशल विकास प्रशिक्षण:
- डिजिटल टूल्स का उपयोग करना
- नए डिज़ाइन और ट्रेंड्स के अनुसार उत्पाद तैयार करना
- उत्पादन की दक्षता बढ़ाना
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फील्ड-विशिष्ट ट्रेनिंग:
हर कारीगर को उसकी विशेषता के अनुसार ट्रेनिंग दी जाएगी। उदाहरण के लिए:
- बढ़ई (Carpenter): उन्नत फर्नीचर डिज़ाइन और लकड़ी की गुणवत्ता सुधार तकनीक।
- सुनार (Goldsmith): आधुनिक गहनों की डिज़ाइन तकनीक।
- कुम्हार (Potter): मशीन से बेहतर गुणवत्ता वाले मिट्टी के उत्पाद बनाना।
- दर्जी (Tailor): फैशन ट्रेंड्स के अनुसार कपड़े सिलने की ट्रेनिंग।
- जुलाहा (Weaver): हैंडलूम टेक्नोलॉजी का बेहतर उपयोग।
पीएम विश्वकर्मा योजना के 18 क्षेत्रों में कैसे बनाएं खुद का व्यवसाय
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना 2025 का उद्देश्य कारीगरों और शिल्पकारों को आत्मनिर्भर बनाना है। अगर आप इनमें से किसी भी क्षेत्र से जुड़े हुये हैं तो सरकार की सहायता लेकर आप खुद का व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। यहां हम आपको आसान और स्पष्ट तरीके से बताएंगे कि कैसे इन 18 क्षेत्रों में एक सफल व्यवसाय खड़ा किया जाए।
बढ़ई (Carpenter)
- व्यवसाय शुरू करें: फर्नीचर बनाने का काम शुरू करें।
- टिप्स: कस्टम मेड फर्नीचर पर फोकस करें, जैसे मॉड्यूलर किचन या ऑफिस टेबल्स।
- मार्केटिंग: सोशल मीडिया पर अपने डिजाइन दिखाएं।
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लोहार (Blacksmith)
- व्यवसाय शुरू करें: कृषि उपकरण, दरवाजों के हैंडल और गेट्स बनाएं।
- टिप्स: लोहे के कस्टम डिज़ाइन गेट्स की मांग हमेशा रहती है।
- मार्केटिंग: लोकल बिल्डर्स और आर्किटेक्ट्स से संपर्क करें।
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सुनार (Goldsmith)
- व्यवसाय शुरू करें: खुद का गहनों का ब्रांड लॉन्च करें।
- टिप्स: हल्के और कस्टम गहनों का ट्रेंड बढ़ रहा है।
- मार्केटिंग: इंस्टाग्राम पर अपने डिजाइन को प्रमोट करें।https://yojanadarpan.com/government/pm-vishwakarma-trade-list/
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मोची (Cobbler)
- व्यवसाय शुरू करें: हाथ से बने लेदर जूते और बेल्ट का प्रोडक्शन।
- टिप्स: फैशन के अनुसार यूनिक डिजाइन बनाएं।
- मार्केटिंग: ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर अपने प्रोडक्ट बेचें।
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कुम्हार (Potter)
- व्यवसाय शुरू करें: मिट्टी के बर्तन, होम डेकोर आइटम बनाएं।
- टिप्स: आधुनिक डिजाइन वाले फ्लावर पॉट्स बनाएं।
- मार्केटिंग: लोकल फेयर और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर बेचें।
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दर्जी (Tailor)
- व्यवसाय शुरू करें: कस्टमाइज्ड कपड़े सिलने की दुकान खोलें।
- टिप्स: ट्रेंडिंग आउटफिट्स जैसे फ्यूजन ड्रेसेस बनाएं।
- मार्केटिंग: सोशल मीडिया पर अपने कलेक्शन को प्रमोट करें।
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नाई (Barber)
- व्यवसाय शुरू करें: हेयर सैलून खोलें।
- टिप्स: पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए सेवाएं दें।
- मार्केटिंग: लोकल ऑफर्स और सोशल मीडिया विज्ञापन का उपयोग करें।
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जुलाहा (Weaver)
- व्यवसाय शुरू करें: हाथ से बने वस्त्रों का उत्पादन करें।
- टिप्स: ट्रेंडिंग डिज़ाइनों के साथ फोकस करें।
- मार्केटिंग: ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर बेचें।
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बांस शिल्पकार (Bamboo Craft Worker)
- व्यवसाय शुरू करें: बांस के घरेलू सजावट उत्पाद बनाएं।
- टिप्स: हैंडमेड लैंप और ट्रे की डिमांड बढ़ रही है।
- मार्केटिंग: गिफ्ट शॉप्स और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से जुड़ें।
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खिलौना निर्माता (Toy Maker)
- व्यवसाय शुरू करें: इको-फ्रेंडली और एजुकेशनल खिलौनों का निर्माण करें।
- टिप्स: लकड़ी और बांस के खिलौने बनाएं।
- मार्केटिंग: माता-पिता के लिए ऑनलाइन प्रचार करें।
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चमड़ा कार्यकर्ता (Leather Worker)
- व्यवसाय शुरू करें: चमड़े के पर्स, बेल्ट और बैग बनाएं।
- टिप्स: इको-फ्रेंडली लेदर प्रोडक्ट्स पर ध्यान दें।
- मार्केटिंग: फैशन शो और ऑनलाइन मार्केटिंग करें।
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मूर्तिकार (Sculptor)
- व्यवसाय शुरू करें: मूर्तियों और सजावट आइटम बनाएं।
- टिप्स: धार्मिक मूर्तियों की हमेशा मांग रहती है।
- मार्केटिंग: आर्ट गैलरी और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स से जुड़ें।
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पारंपरिक आभूषण शिल्पकार (Traditional Jeweler)
- व्यवसाय शुरू करें: कस्टमाइज्ड पारंपरिक गहने बनाएं।
- टिप्स: हल्के और यूनिक डिजाइन बनाएं।
- मार्केटिंग: सोशल मीडिया और लोकल इवेंट्स पर प्रचार करें।
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तांबा और कांस्य कार्यकर्ता (Copper and Brass Artisan)
- व्यवसाय शुरू करें: तांबे और कांसे के घरेलू सजावट उत्पाद बनाएं।
- टिप्स: तांबे के बर्तन आजकल ट्रेंड में हैं।
- मार्केटिंग: होम डेकोर स्टोर्स से संपर्क करें।
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हाथ कढ़ाई करने वाले कारीगर (Hand Embroidery Worker)
- व्यवसाय शुरू करें: हाथ से कढ़ाई वाले कपड़ों का व्यवसाय करें।
- टिप्स: ब्राइडल और फेस्टिव कलेक्शन बनाएं।
- मार्केटिंग: फैशन बुटीक और सोशल मीडिया से जुड़ें।
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पत्थर तराशने वाले कारीगर (Stone Craft Worker)
- व्यवसाय शुरू करें: पत्थर की मूर्तियों और सजावट आइटम का निर्माण करें।
- टिप्स: गार्डन डेकोर के लिए डिजाइन बनाएं।
- मार्केटिंग: आर्ट गैलरी और लोकल मार्केट से जुड़ें।
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धोबी (Washerman)
- व्यवसाय शुरू करें: कपड़े धोने और आयरन की सर्विस दें।
- टिप्स: एक्सप्रेस सर्विस की पेशकश करें।https://ashok79.com/yourwebsite-com-free-silai-machine-yojana-2025/
- मार्केटिंग: लोकल होटलों और हाउसिंग सोसायटी से संपर्क करें।
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रसोई उपकरण मरम्मत करने वाले (Kitchen Equipment Repairer)
- व्यवसाय शुरू करें: रसोई के उपकरणों की मरम्मत और सर्विसिंग का काम शुरू करें।
- टिप्स: माइक्रोवेव और मिक्सर की मरम्मत की डिमांड अधिक रहती है।
- मार्केटिंग: फ्लायर्स और सोशल मीडिया का इस्तेमाल करें।