प्रयागराज महाकुंभ भगदड़ हादसा, भीड़ प्रबंधन की चूक से करीव 35 से 40 मौतें, प्रशासनिक तैयारियों पर उठे सवाल

प्रयागराज महाकुंभ भगदड़ हादसा: दोस्तों बता दे प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ की दुखद घटना में अब तक 35 से 40 लोगों की मौत की खबर सामने आ गई हैं। यह हादसा मंगलवार को देर रात लगभग डेढ़ बजे हुआ था जब संगम तट पर मौनी अमावस्या को स्नान के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु जमा थे। हादसे की सटीक वजह अभी तक सामने नहीं आई है और राज्य सरकार ने भी इस मामले में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।

मृतकों की पहचान और परिजनों को सौंपे गए शव

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रेपोटर्स की रिपोर्ट के अनुसार सृष्टि मेडिकल कॉलेज में हादसे के बाद मृतकों के शव रखे गए थे। लेकिन रिपोर्टर्स ने वहां लगभग 20 शव देखे जिनमें से कुछ के परिजनों को शव सौंप दिए गए हैं। तथा अस्पताल में अंतिम डेडबॉडी पर 40 नंबर पर अंकित था जिससे यह संकेत मिलता है कि मौत का आंकड़ा 40 तक पहुंच सकता है।

प्रयागराज महाकुंभ भगदड़ हादसा, भीड़ प्रबंधन की चूक से करीव 35 से 40 मौतें, प्रशासनिक तैयारियों पर उठे सवाल
प्रयागराज महाकुंभ भगदड़ हादसा

प्रशासन की आपातकालीन व्यवस्थाएं

घटना के बाद प्रशासन ने सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण के लिए कई अहम कदम उठाए हैं

  • प्रयागराज के आठ मुख्य प्रवेश बिंदु जैसे भदोही, चित्रकूट, कौशांबी, फतेहपुर, प्रतापगढ़, जौनपुर और मिर्जापुर को बंद कर दिया गया है।
  • मेला क्षेत्र को पूरी तरह से नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है।
  • सभी वाहनों के पास रद्द कर दिए गए हैं। और मेला क्षेत्र में अब कोई भी गाड़ी नहीं चलेगी।
  • यातायात व्यवस्था को एकतरफा (वन-वे) कर दिया गया है जिससे स्नान के बाद श्रद्धालु अलग रास्तों से वापस लौट सकें।
  • मेला क्षेत्र में चार पहिया वाहनों की एंट्री पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी गई है। यह व्यवस्था 4 फरवरी तक लागू रहेगी।

हादसे की संभावित वजहें

  1. पांटून पुलों का बंद होना: अमृत स्नान के कारण अधिकांश पांटून पुल बंद थे जिससे संगम तट पर भारी भीड़ जमा हो गई।
  2. एंट्री और एग्जिट का अव्यवस्थित मार्ग: संगम नोज पर एंट्री और एग्जिट के रास्ते अलग-अलग नहीं थे। लोग जिस रास्ते से अंदर आ रहे थे उसी से बाहर जाने की कोशिश कर रहे थे। इस कारण भगदड़ मच गई और लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरने लगे।

नेताओं की प्रतिक्रियाएं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर दुख व्यक्त किया और मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट की है। उन्होंने बताया कि वह उत्तर प्रदेश सरकार के साथ निरंतर संपर्क में हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों से संयम बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि श्रद्धालुओं को केवल संगम तट पर स्नान करने पर जोर नहीं देना चाहिए। बल्कि गंगा हर जगह पवित्र है, और श्रद्धालु जहां हैं वहीं स्नान करें। बहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस हादसे के लिए वीआईपी कल्चर और सरकारी बदइंतजामी को जिम्मेदार ठहराया। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि महाकुंभ का प्रबंधन सेना के हवाले कर देना चाहिए ताकि ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

प्रयागराज महाकुंभ भगदड़ हादसा, भीड़ प्रबंधन की चूक से करीव 35 से 40 मौतें, प्रशासनिक तैयारियों पर उठे सवाल
प्रयागराज महाकुंभ भगदड़ हादसा

प्रशासन की सुरक्षा तैयारियां

प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। पूरे प्रयागराज शहर में 60 हजार से अधिक सुरक्षा जवानों को तैनात किया गया है। संगम समेत 44 घाटों पर बुधवार देर रात तक 8 से 10 करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान करने का अनुमान है। https://www.bhaskar.com/mahakumbh/news/mahakumbh-live-prayagraj-kumbh-mela-mauni-amavasya-shahi-snan-photo-video-update-naga-sadhu-yogi-adityanath-134374659.html

श्रद्धालुओं के लिए प्रशासन की अपील

प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे संयम बरतें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। लेकिन स्नान के लिए संगम पर अत्यधिक भीड़ इकट्ठा करने की आवश्यकता नहीं है। गंगा का हर घाट पवित्र है और श्रद्धालु जहां हैं वहीं स्नान करें।

इस हादसे ने महाकुंभ जैसे विशाल आयोजन की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। उम्मीद है कि प्रशासन इस घटना से सबक लेकर भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए और भी बेहतर प्रबंधन करेगा। https://ashok79.com/?post_type=web-story&p=1082

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