दोस्तों बता दे प्रयागराज, को पहले इलाहाबाद के नाम से जाना जाता था यह भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित एक ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व वाला शहर है। यह शहर गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम पर स्थित है जो काफी खूबसूरती देता है इसे त्रिवेणी संगम के नाम से भी जाना जाता है। प्रयागराज हिंदुओं के लिए एक पवित्र स्थल है माना जाता है और यहां पर हर 12 साल में कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है जो दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक समागम माना जाता है।
प्रयागराज का इतिहास
दोस्तों प्रयागराज का इतिहास बहुत पुराना है। इसे हिंदू पौराणिक कथाओं में भी महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। मान्यता है कि भगवान ब्रह्मा ने यहां सृष्टि की रचना के बाद पहला यज्ञ किया था। प्रयागराज का नाम “प्रयाग” से लिया गया है जिसका अर्थ है “यज्ञ की भूमि”। मुगल काल में इसे इलाहाबाद नाम दिया गया था जिसका अर्थ है “अल्लाह का शहर”। हालांकि 2018 में इसका नाम बदलकर फिर से प्रयागराज कर दिया गया।

प्रयागराज के प्रमुख आकर्षण
- त्रिवेणी संगम: दोस्तों यह वह स्थान है जहां गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का मिलन होता है। यहां स्नान करना काफी पवित्र माना जाता है और मान्यता है कि इससे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- अक्षय वट: यह एक पुराना और पवित्र बरगद का पेड़ है जिसे हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह पेड़ अमर है और इसे भगवान कृष्ण से जोड़कर देखा जाता है।
- इलाहाबाद किला: दोस्तों इलाहाबाद किला मुगल सम्राट अकबर ने 1583 में बनवाया था। इलाहाबाद किला किला गंगा नदी के किनारे स्थित है और इसमें अशोक स्तंभ भी है जो सम्राट अशोक के शासनकाल का प्रतीक है।
- आनंद भवन: यह भवन नेहरू परिवार का पैतृक घर था जिसे अब एक संग्रहालय में बदल दिया गया है। यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े ऐतिहासिक दस्तावेजों और वस्तुओं का संग्रह प्रदर्शित करता है।
- कुंभ मेला: प्रयागराज में हर 12 साल में कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें लाखों श्रद्धालु और साधु-संत भाग लेते हैं। यह मेला दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक समागम माना जाता है। https://www.kumbhmelaallahabad.gov.in/
प्रयागराज की संस्कृति और परंपराएं
प्रयागराज की संस्कृति और परंपराएं बहुत समृद्ध हैं। यह शहर हिंदू धर्म के साथ-साथ अन्य धर्मों के लोगों के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है। यहां की संस्कृति में संगीत नृत्य और साहित्य का विशेष स्थान है। प्रयागराज में हर साल संगीत और साहित्य से जुड़े कई कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।

प्रयागराज का खान-पान
प्रयागराज का खान-पान भी बहुत विविध और स्वादिष्ट होता है। यहां के स्थानीय व्यंजनों में अलू टिक्की, चाट, पकौड़े और जलेबी प्रमुख हैं। गंगा किनारे बने छोटे-छोटे ढाबों पर मिलने वाली चाय और नमकीन का स्वाद भी बेहद लोकप्रिय है।
प्रयागराज की यात्रा के लिए सुझाव
- सबसे अच्छा समय: प्रयागराज की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक का होता है क्योंकि इस दौरान मौसम सुहावना रहता है।
- कैसे पहुंचें: प्रयागराज हवाई, रेल और सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। यहां का निकटतम हवाई अड्डा बमरौली एयरपोर्ट है।
- स्थानीय परिवहन: शहर के अंदर घूमने के लिए आप ऑटो रिक्शा, साइकिल रिक्शा और टैक्सी का उपयोग कर सकते हैं। जो बड़ी आसानी से मिल जाते है। https://ashok79.com/pryagraj-mahakunbh-viral-sadhvi-dija-sharma/
निष्कर्ष
दोस्तों प्रयागराज एक ऐसा शहर है जो अपने धार्मिक महत्व, ऐतिहासिक धरोहर और सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिक वातावरण हर किसी को आकर्षित करता है। चाहे आप धार्मिक यात्रा पर हों या फिर इतिहास और संस्कृति को जानने में रुचि रखते हों प्रयागराज आपके लिए एक आदर्श स्थान है। इसलिये अगर आप कही घूमने के सोच रहे है तो प्रयागराज एक अच्छा विकल्प है।