प्रेमानंद महाराज जी ने बताया जिंदगी जीने का मंत्र: दोस्तों प्रेमानंद महाराज जी को तो लगभग आप सभी जानते ही होंगे उनका नाम सुनते ही हमारे दिमाग मे भक्ति और जीवन को साधारण तरीके से जीने के विचार अपने आप आने लगते हैं। प्रेमानंद महाराज जी के वचन हमारे दैनिक जीवन में काफी गहरा प्रभाव डालते है। प्रेमानंद महाराज का हर वचन हमें यह सिखाता है कि कैसे हम अपने जीवन को सच्चाई की रहा पकड़ कर अपने जीवन को शांति से भरपूर बना सकते हैं। इस लेख में हम प्रेमानंद महाराज जी के प्रमुख बचनों और उनके जीवन से संबंधित गहन विचारों पर चर्चा करेंगे।
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सादगी में ही ईश्वर का वास है
प्रेमानंद महाराज जी का मानना है कि सादगी ही सच्चे जीवन का आधार है। प्रेमानंद महाराज जी कहते हैं, ‘’की जितना अधिक आप अपने जीवन को कठिन या लोभी बनाएंगे, उतना ही आप अपने भीतर की शांति से दूर होते जाएंगे।” प्रेमानंद महाराज जी का यह वचन हमें सिखाता है कि हमें अपनी इच्छाओं को सीमित रखना चाहिए क्युकी हमारी इच्छा काफी पूरी नहीं होती है इस लिये भगवान ने हमे जितना दिया है उतने मे ही खुश रहना चाहिये और सरल जीवन जीने का प्रयास करना चाहिए। प्रेमानंद महाराज का यह संदेश आज के समय में बिल्कुल सच हो गया है क्युकी आज के समय मे लोग भौतिक सुख-सुविधाओं के चक्कर मे अपने मन की शांति खो बैठते हैं।
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सेवा में ही सच्चा सुख है
प्रेमानंद महाराज जी का एक और प्रसिद्ध वचन है, “सेवा ही सच्चा धर्म है।” वे मानते हैं कि जब भी हम किसी दूसरों की सहायता करते हैं तो न केवल उनके जीवन में खुशिया मिलती हैं बल्कि हमारे जीवन को भी वे अधिक सक्तिशाली बनाते हैं। क्युकी हम जब भी किसी की सच्चे दिल से सेवा करते हैं तो वह हमे काफी सारी दुआ देता है जिससे हमारे जीवन का उद्दार होता है। प्रेमानंद जी की यह शिक्षा हमें यह सीख देती है कि हमें स्वार्थ को त्यागकर समाज की भलाई के लिए कार्य करना चाहिए। चाहे वो गरीबों की मदद हो या बीमारों की देखभाल हो या पर्यावरण की रक्षा करना हो – हर प्रकार की सेवा ईश्वर की उपासना के समान है।
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कठिन समय में धैर्य ही जीवन की कुंजी हैं
प्रेमानंद महाराज जी ने हमेशा धैर्य को ही जीवन का मुख्य आधार बताया है। उनका कहना है “कठिन समय में धैर्य ही आपकी सबसे बड़ी ताकत होती है।” उन्होंने बताया आज के समय मे हर किसी को जल्दी होती है और जल्दी जल्दी के चक्कर मे वे बहुत कुछ खो देते हैं तो ऐसा नहीं करना चाहिये आपको हमेशा धैर्य रखना चाहिये चाहे समाश्या कैसी भी हो प्रेमानंद महाराज जी का यह संदेश हमें याद सिखाता है कि सफलता और शांति दोनों के लिए धैर्य अनिवार्य हैं। जीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं, लेकिन धैर्य रखने से हम हर परिस्थिति का सामना कर सकते हैं।
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हमेशा सत्य और अहिंसा का पालन करें
महात्मा गांधी की तरह ही प्रेमानंद महाराज जी भी सत्य और अहिंसा के बड़े समर्थक है। वे कहते है, “सत्य के मार्ग पर चलना कठिन हो सकता है, लेकिन यह मार्ग आपको हमेशा सही मंजिल तक पहुंचाएगा।” उनका यह वचन हमें प्रेरित करता है कि हमें जीवन में कभी भी झूठ का सहारा नहीं लेना चाहिए। क्युकी आप झूठ बोलकर कुछ समय के लिये तो ठीक रहे सकते हो लेकिन हमेशा के लिये नहीं इसलिये वयक्ति को हमेशा सच्चाई का रास्ता अपनाना चाहिये चाहे परिस्थति कोई भी हो हमेशा सच बोलना चाहिये
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ध्यान और आत्मचिंतन का महत्व
प्रेमानंद महाराज जी का मानना है कि आत्मचिंतन और ध्यान हमारे जीवन को शुद्ध और शांति से भर सकते हैं। वे कहते थे, “प्रतिदिन कुछ समय ईश्वर की आराधना और अपने भीतर झांकने में व्यतीत करें। जिससे आपको शांति और अपने आप को समझ सकेंगे।” ध्यान और आत्मचिंतन की यह प्रक्रिया न केवल मानसिक शांति प्रदान करती है, बल्कि हमें जीवन के कठिन सवालों के जवाब भी देती है। https://ndtv.in/health/premanand-maharaj-tips-to-get-rid-of-stress-tanav-door-karne-ke-liye-premanad-maharaj-tips-7356761
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ईश्वर पर अटूट विश्वास रखें
प्रेमानंद महाराज जी ने हमेशा ईश्वर पर विश्वास रखने की बात कही। उनका कहना है, “ की जो भी होता है, वह ईश्वर की मर्जी से होता है। इसलिए हर परिस्थिति में उनके प्रति कृतज्ञ रहें।” यह वचन हमें यह सिखाता है कि चाहे जीवन में कैसी भी कठिनाई आए, हमें अपने विश्वास को कमजोर नहीं होने देना चाहिए। ईश्वर पर विश्वास रखने से हम हर चुनौती का सामना कर सकते हैं। https://ashok79.com/?p=773&preview=true