प्रेमानन्द महाराज जी ने बताया की अगर आप ने ठान लिय है की हम नहीं जीतेंगी
तो कभी नहीं जीतोगे क्युकी आपके दिमाक मे भए ने जगह बना ली है
उन्होंने कहा की अगर हमे कहीं भी हार होती है तो हमे उस कमी को देखना चाहिये
और उस कमी को सुधारना चाहिये उस गलती को ठीक करना चाहिये लेकिन कभी भी हार को मत अपनाओ
क्युकी आप ने मेहनत तो बहुत की है लेकिन फिर भी फेल होंगे आपने पहले ही ठान लिय है अपने दिमाग मे
उन्होंने कहा आप के अंदर झमता तो बहुत लेकिन आप के विचार गलत दिशा मे हो सकते हैं आदमी से बड़ी कोई भी चीज नहीं है
उन्होंने बताया की अगर भगवान का भरोसा हो जाये तो भय खतम हो जायगा
उन्होंने बताया की एक साथ कोई भी बड़ा आदमी नहीं बनाता इसमे टाइम लगता है