ठंड में ठंडा पानी पीने से क्या होता है?: आइये जानते हैं इसके बारे मे विस्तार से ठंड के मौसम में शरीर का तापमान पहले से ही कम होता है, और ऐसे में ठंडा पानी पीने के कई नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं। आइए जानते हैं कि ठंडे पानी का सेवन करने से हमारे शरीर पर क्या असर पड़ता है।
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पाचन क्रिया पर प्रभाव
ठंडे पानी का सेवन पाचन क्रिया को प्रभावित करता है। जब हम ठंडा पानी पीते हैं, तो यह शरीर के तापमान को अचानक घटा देता है। इससे पाचन तंत्र का कार्य धीमा हो जाता है, जिससे खाने का पचने में समय अधिक लगता है। विशेष रूप से भारी और तैलीय भोजन के बाद ठंडा पानी पीने से यह समस्या और बढ़ सकती है। यह गैस, अपच, और कब्ज जैसी समस्याओं को जन्म दे सकता है।
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ह्रदय और रक्त संचार पर असर
ठंडा पानी पीने से ह्रदय की धड़कन तेज हो सकती है। जब हम ठंडा पानी पीते हैं, तो रक्त वाहिकाओं में संकुचन होता है, जिससे रक्त संचार धीमा हो सकता है। इसका असर ह्रदय पर पड़ता है और रक्त संचार में रुकावट आ सकती है। इससे ह्रदय संबंधित समस्याएं, जैसे दिल का दौरा या स्ट्रोक, की संभावना बढ़ सकती है।
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गला और सांस की नलिकाओं पर असर
ठंडे पानी के कारण गले में सूजन या खराश हो सकती है, जिससे सर्दी, खांसी और गले में दर्द की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। ठंडे पानी से श्वसन तंत्र में भी संकुचन हो सकता है, जिससे सांस लेने में परेशानी हो सकती है। यह खासकर उन लोगों के लिए अधिक खतरनाक हो सकता है जिनको अस्थमा या एलर्जी जैसी समस्याएं हैं।
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इम्यून सिस्टम पर असर
ठंडा पानी पीने से शरीर का तापमान असंतुलित हो सकता है, जिससे इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है। शरीर को अतिरिक्त ऊर्जा लगानी पड़ती है तापमान को नियंत्रित करने के लिए, जिससे शरीर की रोग प्रतिकारक क्षमता कम हो सकती है। इसके परिणामस्वरूप, सर्दी-जुकाम और अन्य संक्रमणों का खतरा बढ़ सकता है।
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हाइड्रेशन की समस्या
ठंडा पानी पीने से कभी-कभी यह महसूस होता है कि शरीर को ताजगी मिल रही है, लेकिन ठंडे पानी से हाइड्रेशन की प्रक्रिया धीमी हो सकती है। ठंडे पानी के कारण शरीर को उसे अवशोषित करने में अधिक समय लगता है। इसका असर शरीर के जल स्तर पर पड़ सकता है, जिससे निर्जलीकरण (dehydration) की समस्या हो सकती है।
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अस्थियों और मांसपेशियों पर असर
ठंडे पानी के कारण मांसपेशियों में जकड़न और असहजता हो सकती है। जब हम ठंडा पानी पीते हैं, तो शरीर में रक्त का संचार धीमा हो जाता है, जिससे मांसपेशियों और जोड़ों में अकड़न हो सकती है। खासकर सर्दी के मौसम में शरीर पहले से ही अकड़ा हुआ होता है, और ठंडा पानी इसकी स्थिति को और बढ़ा सकता है।
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किडनी पर असर
किडनी शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का काम करती है। ठंडा पानी पीने से किडनी पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है, खासकर अगर किडनी पहले से ही कमजोर हो। इससे किडनी में संक्रमण या अन्य समस्याएं हो सकती हैं। इसलिये ठंडे पानी का सेवन कम करने की सलाह दी जाती है, खासकर उन लोगों को जिनको किडनी की समस्या हो।
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निष्कर्ष
ठंडे पानी का सेवन सर्दी के मौसम में हमारे शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। यह पाचन क्रिया, ह्रदय, गला, इम्यून सिस्टम और शरीर के अन्य अंगों पर नकारात्मक असर डाल सकता है। बेहतर है कि हम सामान्य या गुनगुना पानी पिएं, ताकि शरीर का तापमान संतुलित रहे और स्वास्थ्य पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े। आशा है कि आपको इस ब्लॉग से ठंडे पानी के सेवन के नुकसान समझ में आए होंगे और आप इसका सेवन सोच-समझकर करेंगे।