Zomato के शेयर में भारी गिरावट: फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म Zomato के शेयरों में हाल के दिनों में भारी गिरावट दर्ज की गई है। मंगलवार को, शेयर बाजार में बड़ी गिरावट के बीच, जोमैटो का शेयर लगभग 12% तक टूट गया। यह गिरावट निवेशकों के लिए चिंता का विषय बन गई है। आइए, जानते हैं कि इस गिरावट के पीछे के मुख्य कारण क्या हैं और इसका बाजार पर क्या असर हुआ है।
तिमाही नतीजों का असर
Zomato ने हाल ही में अपनी अक्टूबर-दिसंबर 2024 तिमाही के नतीजे जारी किए, जो निवेशकों को खास पसंद नहीं आए। इस तिमाही में कंपनी का मुनाफा पिछली तिमाही की तुलना में 57% घटकर केवल ₹59 करोड़ रह गया। यह गिरावट कंपनी के बढ़ते खर्चों की वजह से हुई, जो कंपनी की आय के मुकाबले कहीं अधिक तेजी से बढ़े हैं। इसके अलावा, Zomato के क्विक कॉमर्स बिजनेस ब्लिंकिट को भी तिमाही में ₹103 करोड़ का भारी नुकसान हुआ है।
मुख्य आंकड़े:
- पिछली तिमाही का मुनाफा: ₹138 करोड़ (समान तिमाही, पिछले वर्ष)
- इस तिमाही का मुनाफा: ₹59 करोड़
- रेवेन्यू में वृद्धि: 64% (साल-दर-साल आधार पर)
हालांकि, रेवेन्यू में वृद्धि के बावजूद बढ़ते खर्चों ने मुनाफे पर नकारात्मक असर डाला है।
शेयर बाजार में प्रतिक्रिया
सोमवार को नतीजे आने के बाद, मंगलवार को जब बाजार खुला तो Zomato का शेयर ₹223 पर ओपन हुआ और कुछ ही घंटों में ₹207 तक गिर गया। इससे पहले सोमवार को यह ₹247 के स्तर पर था। इस प्रकार, दो दिनों में शेयर की कीमत में करीब ₹40 की गिरावट दर्ज की गई। यह गिरावट बताती है कि निवेशकों ने कंपनी के नतीजों को नकारात्मक रूप से लिया है।
बीएसई सेंसेक्स का प्रभाव:
- बीएसई सेंसेक्स भी मंगलवार को 830 अंकों से ज्यादा टूट गया।
- निफ्टी में 200 अंकों की गिरावट दर्ज की गई
मार्केट कैप में गिरावट
Zomato के शेयरों में लगातार गिरावट का असर कंपनी के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) पर भी पड़ा है। मंगलवार को खबर लिखे जाने तक कंपनी का मार्केट कैप गिरकर ₹1.88 लाख करोड़ रह गया। यह गिरावट स्पष्ट रूप से दिखाती है कि शेयरधारकों का विश्वास कम हो रहा है।
52 सप्ताह का हाई और लो स्तर:
- 52 वीक हाई: ₹304.70
- 52 वीक लो: ₹127
पिछले एक महीने में ही Zomato के शेयर में करीब 21% की गिरावट हुई है। हालांकि, सालभर में इसने निवेशकों को 68.52% का रिटर्न दिया है, लेकिन हाल की गिरावट ने चिंता बढ़ा दी है।
गिरावट के कारण
- तिमाही नतीजों का प्रभाव: तिमाही मुनाफा घटने और बढ़ते खर्चों के कारण निवेशकों का सेंटिमेंट नकारात्मक हुआ।
- ब्लिंकिट का नुकसान: Zomato का क्विक कॉमर्स बिजनेस ब्लिंकिट तिमाही में ₹103 करोड़ के नुकसान में रहा, जिससे कुल मुनाफा प्रभावित हुआ।
- शेयर बाजार की गिरावट: मंगलवार को बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी में बड़ी गिरावट ने भी Zomato के शेयर को नीचे खींचा।
- संवेदनशील निवेशक: बीएसई सेंसेक्स इंडेक्स में शामिल होने के बाद से ही Zomato के शेयर लगातार दबाव में रहे हैं।
निवेशकों के लिए क्या है संदेश?
Zomato के शेयर में हालिया गिरावट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि निवेशकों को केवल तिमाही नतीजों के आधार पर निर्णय नहीं लेना चाहिए। कंपनी के रेवेन्यू में वृद्धि हो रही है, लेकिन खर्चों को नियंत्रित करना भविष्य में मुनाफा बढ़ाने के लिए आवश्यक है।
निवेशकों को ध्यान में रखने योग्य बातें:
- दीर्घकालिक निवेश पर ध्यान दें: Zomato ने पिछले सालभर में 68% का रिटर्न दिया है, जो दीर्घकालिक निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत है। https://ashok79.com/iit-baba-2/
- कंपनी की रणनीति पर नजर रखें: कंपनी के नए वेंचर्स और खर्च प्रबंधन पर ध्यान देना जरूरी है।
- शेयर बाजार की स्थितियां समझें: व्यापक बाजार में गिरावट का असर सभी शेयरों पर पड़ता है, इसलिए इसे अलग से देखें।
निष्कर्ष
Zomato के शेयर में गिरावट कई कारकों का परिणाम है, जिनमें तिमाही नतीजों का प्रभाव, बाजार की व्यापक गिरावट, और ब्लिंकिट का नुकसान प्रमुख हैं। हालांकि, कंपनी के रेवेन्यू में वृद्धि और दीर्घकालिक रिटर्न इसके भविष्य की संभावनाओं को उजागर करते हैं। निवेशकों को इस समय सतर्क रहना चाहिए और कंपनी की अगली रणनीतियों पर नजर रखनी चाहिए। https://hindi.moneycontrol.com/news/markets/why-zomato-share-price-falls-over-9-percent-further-after-q3-result-out-net-profit-revenue-blinkit-expansion-check-what-technical-chart-signals-check-support-level-resistance-level-1952035.html
Zomato जैसी कंपनियां जिनका कारोबार तेजी से बढ़ रहा है, वे निवेशकों के लिए आकर्षक हो सकती हैं, लेकिन इसके लिए दीर्घकालिक दृष्टिकोण और धैर्य की जरूरत होती है।
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